उत्तर प्रदेश विधानसभा के अनुपूरक बजट सत्र में बोलते हुए समाजवादी पार्टी की विधायक पल्लवी पटेल ने जातीय जनगणना का मुद्दा उठाते हुए कहा ‘जातीय गणना बिल भाजपा को लाना चाहिए था, क्योंकि भाजपा दलित और ओबीसी वोट ले कर सत्ता में बैठी है. सचाई यह है कि भाजपा के विधायक ‘पंगु’ हैं.’

पल्लवी पटेल ने जैसे ही ‘पंगु’ शब्द का प्रयोग किया तो पूरे सदन में हो हल्ला मचना शुरू हो गया. बचाव में उतरी भाजपा के विधायकों ने जातीय गणना को केन्द्र सरकार का मुद्दा बता कर गेंद केन्द्र सरकार के गोल में डाल दिया.

असल में भारतीय जनता पार्टी तुलसीदास की रामचरितमानस के बताए रास्ते पर चलती है. रामचरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास ने ओबीसी के बारे में लिखा है, ‘ढोल गंवार शुद्र पशु नारी’ चौपाई लिखी है, जिस को ले कर विवाद है. तुलसीदास को अपना पथप्रदर्शक मानती है इसी वजह से उस के लिए जातीय गणना कोई अहम मुद्दा नहीं है.

समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य इस बात को ले कर खुल कर बोलते रहते हैं और पूजापाठियों के निशाने पर रहते हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य को समर्थन देते अखिलेश यादव भी ‘हम शुद्र हैं’ का नारा लगाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का घेराव कर चुके हैं.

पल्ला झाड़ने भाजपा नेता

हर मुददे पर खुल कर बोलने वाली भाजपा जातीय गणना के मुद्दे पर बगले झांकने लगती है. पल्लवी पटेल ने जब भाजपा नेताओं को घेरना शुरू किया तो उन को बच निकलने का रास्ता नहीं मिला. ऐसे में वह जातीय गणना की जगह पर ‘पंगु’ शब्द को मुद्दा बना कर पल्लवी पटेल से अपने कहे पर माफी मांगने का दबाव बनाने लगे. ‘पप्पू’ जैसे शब्द गढ़ने के माहिर अब ‘पनौती’ और ‘पंगू’ शब्द पर विचलित हो जा रहे हैं.

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