Illegal migrants : ट्रंप प्रशासन ने 205 ‘अवैध भारतीय प्रवासियों’ को भारत वापस भेजा है. आरोप हैं कि उन्हें अपराधियों की तरह जंजीरों में बांध कर सेना विमान से वापस भेजा गया. मामला गंभीर और राष्ट्रीय शर्म का रहा मगर प्रधानमंत्री मोदी ने चुप्पी साधी रखी.
भारत ही क्या सारी दुनिया में यह गवाही है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के गहरे संबंध हैं. टीवी ख़बरों में तो यह खूब प्रचारित किया जाता है कि उन के बीच ऐसे संबंध हैं कि डोनाल्ड ट्रंप नरेंद्र मोदी का कहना मानते हैं.
नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ते रहे हैं बहुत कुछ वैसी ही शैली ट्रंप ने भी अपनाई. इस से यह संदेश और भी मजबूत हो गया कि दोनों ही नेताओं में बड़ी अच्छी ट्यूनिंग है, एकदूसरे को समझते हैं मगर जिस तरह डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही भारत के प्रति कड़ा रुख अपनाया है वह बताता है कि दोनों के ही संबंध कितने छत्तीसी हैं.
दरअसल, अमेरिका में अवैध प्रवासियों का निर्वासन एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन कर सामने है. इस लेख में, हम इस मुद्दे का विस्तृत विश्लेषण करेंगे और इस के पीछे के कारणों और परिणामों को समझने का प्रयास करेंगे.
अमेरिका में अवैध प्रवासियों की संख्या लंबे समय से एक महत्वपूर्ण मुद्दा रही है. अनुमानों के अनुसार, अमेरिका में लगभग 11 मिलियन अवैध प्रवासी रहते हैं, जिन में से अधिकांश मैक्सिको और अन्य लैटिन अमेरिकी देशों से आए हैं. डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद, अमेरिकी सरकार ने अवैध प्रवासियों के प्रति सख्त नीति अपनाई है. ट्रंप प्रशासन ने अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिन में सीमा सुरक्षा को मजबूत करना, अवैध प्रवासियों की पहचान करने के लिए डेटाबेस का उपयोग करना और अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने के लिए अधिक अधिकारियों को नियुक्त करना शामिल है.
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