कर्नाटक चुनाव में जीत के बाद से राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने अपनी नीति में बड़े बदलाव किए. इसमें सबसे प्रमुख बात ये रही की जहां अबतक कांग्रेस बीजेपी पर सूट-बूट के साथ 2 मित्रों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए सरकार पर निशाना साधती थी, वहीं अब कांग्रेस आम जनता और दलितों की बात करते नजर आ रही है.
इसकी शुरूआत कांग्रेस ने हिमाचल से की जहां सबसे पहले पार्टी ने पुरानी पेंशन स्कीम की बात करते हुए हिमाचल की जनता के दिल में जगह बनाई और जीत दर्ज की. इसके बाद कर्नाटक में कांग्रेस ने अहिंदा कार्ड खेला और दलित, मुस्लिम और पिछड़ों की बात करते राज्य में अच्छे वोटों से जीत हासिल की.
इससे पहले राहुल गांधी मोदी सरकार पर अडानी-अंबानी का नाम लेकर आक्रामक रहे, लेकिन जमीन पर पार्टी को उसका कोई फायदा मिलता नजर नही आ रहा था. राफेल मामले को लेकर कांग्रेस के आरोपों पर भी जनता पर कोई असर पड़ता नजर नहीं आ रहा था. यही वजह है की कांग्रेस अब पूंजीवाद, अडानी-अंबानी जैसे मुद्दों को छोड़ अब आरक्षण, मुस्लिम उत्पीड़न के साथ दलितों की बात कर रही है.
हाल ही में यूपी कांग्रेस की बैठक में ऐलान किया गया की पार्टी जातीय जनगणना कराने और OBC आरक्षण बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलन करेगी. कांग्रेस का ये ऐलान बेहद चौंकाने वाला था, क्योंकि इससे पहले पार्टी ऐसे मुद्दों पर ज्यादात्तर चुप्पी साधना ही पसंद करती थी. लेकिन अब जातीय जनगणना और ओबीसी की बात कर कांग्रेस अब नए तेवर में नजर आ रही है.
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