चुनाव आयोग द्वारा याचिका खारिज कर दिए जाने के बावजूद जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने दावा किया है कि उनके खेमे वाला जदयू ही असली है. जल्दी ही पूरे सबूतों के साथ वे चुनाव आयोग में जाएंगे. यादव ने कहा कि 17 सितंबर को दिल्ली में होने वाली कार्यकारिणी की बैठक में साफ हो जाएगा कि अधिकांश कार्यकारिणी के सदस्य उनके साथ है. राज्यसभा सदस्यता खत्म करने के मामले पर यादव ने कहा कि वे इस बारे में मिले नोटिस का कानूनी जबाब देंगे.

शरद यादव ने कहा है कि उनकी लड़ाई पद की नहीं, सिद्धांत और संविधान बचाने की है. उनके वकील चुनाव आयोग के संदेश व राज्यसभा सचिवालय से मिले नोटिस के सभी कानूनी पहलुओं का अध्ययन कर रहे हैं. उन्होंने संविधान की दसवीं अनुसूची का उल्लंघन नहीं किया है.

राज्यसभा सदस्यता बचाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे पहाड़ से लड़ रहे हैं तो यह सोचकर तो लड़ ही रहे हैं कि चोट लगेगी ही. राज्यसभा सदस्यता बचानी छोटी बात है. उनकी लड़ाई पार्टी से आगे बढ़कर साझी विरासत को बचाने की है. सिद्धांतों का खातिर वे पहले भी दो बार संसद सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं.

पद से हटाए महासचिवों ने किया था दावा

यादव ने साफ किया कि चुनाव आयोग में उन्होंने नहीं बल्कि महासचिव पद से हटाए गए दो नेताओं ने दावा पेश किया था. वे इन महासचिवों के साथ हैं. जदयू के भविष्य के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसका फैसला 17 सितंबर को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक व आठ अक्तूबर को राष्ट्रीय परिषद में हो जाएगा. जदयू बड़े रूप में सामने आएगा. जदयू खेमे ने कहा है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों की संख्या 71 व परिषद के सदस्यों की संख्या लगभग 800 है. इनमें से चार राज्यों को छोड़कर बाकी सभी राज्यों से आने वाले सदस्य उनके साथ हैं.

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