पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा है कि सरकार पेट्रोल और डीजल को भी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने पर विचार करेगी, ताकि इनके दाम में बहुत ज्यादा अंतर नहीं रहे. उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वर्तमान वृद्धि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में हुई वृद्धि का असर है. मंत्री ने कहा कि सुधार जारी रहेगा. हालांकि उन्होंने कीमतों की दैनिक समीक्षा में सरकारी हस्तक्षेप से इनकार किया.
ज्ञातव्य है कि पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी से बाहर रखा गया है. पहले की तरह राज्य सरकारें इन पर वैट लगाती हैं, जिससे राज्य दर राज्य इनकी कीमतों में भारी अंतर देखने को मिलता है. इस साल 16 जून से देश भर में पेट्रोल-डीजल के दाम रोजाना तय किए जाते हैं.
देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी ऑयल इंडिया की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार इस साल 13 जुलाई के बाद से 61 दिन में पेट्रोल की कीमत एक बार भी कम नहीं की गई. पेट्रोल की कीमत दिल्ली में 13 जुलाई को 63.91 रुपये थी जो बढ़कर 13 सितंबर को 70.38 रुपये प्रति लीटर पर पहुँच गई है.
डीजल में भी कमी नहीं
डीजल की कीमत 29 अगस्त के बाद से कम नहीं की गई है. राष्ट्रीय राजधानी में इंडियन ऑयल के पेट्रोल पंपों पर इसकी कीमत 13 सितंबर को 58.72 रुपये प्रति लीटर है जो 31 अगस्त 2014 (58.97 रुपये प्रति लीटर) के बाद का उच्चतम स्तर है. मंत्री ने कहा कि वह उपभोक्ताओं के हितों का पूरा ख्याल रखेंगे. उन्होंने उम्मीद जताई कि विश्व बाजार में कच्चे तेल के दाम जल्द कम होंगे.
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