आज देश में ममता बनर्जी को ले करके यह बात कही जा रही है कि आगामी समय में देश की प्रधानमंत्री हो सकती है पश्चिम बंगाल में जिस तरीके से उन्होंने "खेला" दिखाया उससे जहां भाजपा के होश उड़ गए वहीं सारा विपक्ष ममता बनर्जी का मुरीद बन गया. मगर सबसे बड़ा सत्य यह है कि ममता बनर्जी के पश्चिम बंगाल में ऐतिहासिक विजय भारतीय जनता पार्टी और देश की केंद्रीय सरकार को रास नहीं आई है. शायद यही कारण है कि नंदीग्राम में एक बार जीत की घोषणा हो जाने के बाद चुनाव आयोग से अंततः ममता बनर्जी को पराजय का सर्टिफिकेट मिला. जहां भाजपा 200 प्लस की बात कर रही थी चारों खाने चित हो गई तो ममता बनर्जी की छवि को धूल में मिलाने और आगामी समय में केंद्रीय सत्ता में उनकी महत्वपूर्ण भागीदारी को रोकने के लिए मानो एक चक्रव्यूह बुना जा रहा है.

जी हां! आज जैसा कि देशभर में माना जा रहा है भाजपा किसी भी हद तक ममता बनर्जी को रोकना चाहती है. अगर ममताको संपूर्ण केंद्रीय सरकार की ताकत, पैसा खर्च किए जाने के बाद भी नहीं रोक पाई है तो यह संकेत है कि भाजपा की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. और आप माने या ना माने यह सच है कि भाजपा यह तय कर चुकी है चाहे जो भी हो जाए सत्ता हाथ से नहीं जाने देंगे. अब इसके लिए जो रणनीति बनाई जा रही है उसका उत्तराखंड से आगाज हो गया है देखिए क्या और कैसे?

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