कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और एक बड़े चेहरे राहुल गांधी नरेंद्र दामोदरदास मोदी और उसकी सरकार पर जिस तरह सवाल उठा रहे हैं और नरेंद्र मोदी सरकार जिस तरह मुंह छुपा रही है उससे साफ हो जाता है कि राहुल गांधी के प्रश्नों के जवाब नरेंद्र मोदी के पास नहीं है. और यही राजनीति का सबसे बड़ा सच है जिसके बलबूते कांग्रेस आज देश और दुनिया में मजबूती के साथ खड़ी है .और आवाम आशा भरी निगाहों से देख रही है. दरअसल , यही से नरेंद्र मोदी धीरे-धीरे नीचे उतर रहे हैं और आने वाले समय में उनकी सरकार का जाना तय हो चुका है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जब विदेश की धरती से यह बोला- भारतीय लोकतांत्रिक ढांचों पर ‘बर्बर हमले हो रहे हैं और देश के लिए एक वैकल्पिक नजरिये के इर्दगिर्द एकजुट होने के लिए विपक्षी दलों में बातचीत चल रही है. तो मानो राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी की नब्ज पर हाथ रखा दिया. उन्होंने जो कहा है इस प्रकार है- बीबीसी के खिलाफ हालिया आयकर सर्वेक्षण कार्रवाई ‘देश भर में आवाज के दमन’ का एक उदाहरण था.
देश को खामोश करने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रयासों के खिलाफ आवाज उठाने की अभिव्यक्ति के तौर पर राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की. लंदन में इंडियन 4 जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (आइजेए) द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘इंडिया इनसाइट्स’ में गांधी ने बताया कि यात्रा इसलिए जरूरी हो गई क्योंकि हमारे लोकतांत्रिक ढांचे पर बर्बर हमले हो रहे हैं.
राहुल गांधी ने कहा – मीडिया, संस्थागत ढांचे, न्यायपालिका, संसद सभी पर हमले हो रहे हैं और हमें सामान्य माध्यम से लोगों के मुद्दे रखने में बहुत मुश्किल हो रही थी. उन्होंने कहा कि बीबीसी को इस बारे में अभी पता चला है, लेकिन भारत में यह सिलसिला पिछले नौ साल से लगातार चल रहा है.
राहुल गांधी ने कहा – सरकार की पैरवी करने वाले पत्रकारों को पुरस्कृत किया जाता है.जो लोग प्रधानमंत्री या भाजपा सरकार पर सवाल उठाते हैं, उन पर हमला किया जाता है.
अगर बीबीसी सरकार के खिलाफ लिखना बंद कर दे तो सब कुछ सामान्य हो जाएगा. सारे मामले गायब हो जाएंगे.राहुल गांधी ने खेद व्यक्त किया कि अमेरिका और यूरोप सहित दुनिया के लोकतांत्रिक हिस्से यह संज्ञान लेने में विफल रहे हैं कि लोकतंत्र का एक बड़ा हिस्सा नष्ट कर दिया गया है. भाजपा चाहती है कि भारत खामोश रहे. वे चाहते हैं कि यह शांत हो, क्योंकि वे चाहते हैं कि जो भारत का है उसे ले सकें और अपने करीबी दोस्तों को दे सकें.
यही विचार हैं, लोगों का ध्यान भटकाना और फिर भारत की संपत्ति को तीन, चार, पांच लोगों को सौंप देना. राहुल गांधी ने इस तरह मोदी की सारी नीतियों को दुनिया के सामने रख दिया है और जिस साहस के साथ उन्होंने सच को कहा है वह उनके कद को ऊंचा कर देता है मोदी उनकी सरकार को कटघरे में खड़ा कर देता है जहां से नरेंद्र मोदी को जवाब देना होगा अन्यथा लोकसभा के 24 के समर में देश की जनता जवाब देगी.
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नासमझी और देश भक्ति का दिखावा
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राहुल गांधी के कैंब्रिज विश्वविद्यालय में उठाए गए प्रश्नों से जिस तरह नरेंद्र दामोदरदास मोदी सरकार घिर गई है उससे उसके मस्तिष्क पर सर्द मौसम में भी पसीना स्पष्ट दिखाई दे रहा है. और बौखलाहट सारा देश देख रहा है. ऐसे में कांग्रेस ने कहा कैंब्रिज विश्वविद्यालय में व्याख्यान देने के दौरान राहुल की ओर से की गई टिप्पणियों में निहित गूढ़ बातों को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नहीं समझ सकी है .कांग्रेस ने कहा कि राहुल ने उत्पादन व्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए सरकार नियंत्रित चीन की कार्पोरेशन प्रणाली और भारत जैसे लोकतांत्रिक राष्ट्रों की तत्काल जरूरत के बीच के अहम अंतर को परिभाषित किया था.
भाजपा ने राहुल पर आरोप लगाया राहुल गांधी ने
विदेशी सरजमीं पर चीन की तारीफ करके भारत की छवि को धूमिल किया. विश्वविद्यालय में गांधी की टिप्पणी का एक वीडियो टैग करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि राहुल गांधी ने अपने कैंब्रिज व्याख्यान में चीन की सरकार नियंत्रित कार्पोरेशन प्रणाली और उत्पादन प्रणालियों को दुरुस्त करने के लिए भारत जैसे लोकतांत्रिक देशों की तात्कालिक आवश्यकता के बीच के अहम अंतर को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया. लेकिन इसकी गूढ़ बातों को भाजपा नहीं समझ सकी है .
दूसरी तरफ राहुल गांधी जब चीन की प्रशंसा करते हैं तो नरेंद्र मोदी को अच्छा नहीं लगता और फिर बीच में देशभक्ति आ जाती है, इससे पता चलता है कि विपक्ष कुछ भी कहता है करता है तो भाजपा की यह मानसिकता है कि देशभक्ति को सामने ले आओ, जैसे सबसे बड़े देश भक्त यही लोग हैं! अगर यह लोग ना होते तो भारत देश आजाद ही नहीं हो पाता.