ऐसा प्रतीत होता है मानो हम ठगों के एक ऐसे गिरोह के आसपास सांसे ले रहे हैं जो हमें कभी भी किसी भी तरह ठगने के लिए तैयार बैठा है. अब यह तो हमारा समय है या फिर हमारी समझदारी जो हम ठगी से अभी तक बचे हुए हैं.
यह कि अगर हम ठगी से बचना चाहते हैं तो हमें सतत अपनी आंख, कान को खुला रखना होगा, थोड़ा सा भी लालच और लापरवाही हमें इन ठगों का शिकार बना सकती है. दरअसल, सोशल मीडिया आ जाने के बाद ऐसा प्रतीत होता था कि आम लोगों में जागरूकता पैदा होगी और ठगों की शामत आ जाएगी. मगर ऐसा नहीं हुआ है बल्कि ठगी की घटनाएं और भी ज्यादा होने लगी हैं.
अंधविश्वास की चपेट में
हाल ही में छत्तीसगढ़ में एक शख्स को बड़े ही अनोखे अंदाज में ठगा गया, जिस पर कोई प्रयोगधर्मी निर्माता फिल्म भी बना सकता है. हुआ यह कि, ‘घर में भूतप्रेत बाधा है’ कह कर एकदो नहीं, पूरे 10 लाख रुपए का चूना लगा दिया गया.
झूठी घटनाएं नीचे प्रस्तुत हैं –
प्रथम घटना- नोटों को दोगुना करने का लालच दे कर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक महिला को ठगी का शिकार बनाया गया. आखिरकार ठगी करने वाले को पुलिस ने जेल भेज दिया.
दूसरी घटना- राजस्थान के जयपुर में सोना दोगुना करने का झांसा दे कर युवती को ठगी का शिकार बनाया गया.
तीसरी घटना- झारखंड के रांची में, ‘तुम्हारे घर के नीचे सोना, चांदी, हीरे मोती हैं’ कह कर ठगी का शिकार बनाया गया.
ऐसी ही हमारे आसपास चेहरे और नाम बदलकर ठगी की घटनाएं घटित हो रही हैं. इन्हें अगर हम ध्यान से देखें तो स्वयं बच सकते हैं और दूसरों को भी अगाह कर सकते हैं.
10 लाख रुपए की ठगी
छत्तीसगढ़ के अकलतरा में पुलिस द्वारा कथित तौर पर ‘गृहबाधा’ दूर करने के नाम से 10 लाख रुपए की ठगी करने वाले आरोपी की गिरफ्तारी की गई है. आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिल कर ग्रहदशा दूर करने का झांसा दे 10 लाख रुपए और मोबाइल की ठगी कर ली.
मामला छत्तीसगढ़ के जिला चांपा जांजगीर के विकासखंड अकलतरा थाना क्षेत्र का है. अकलतरा थाना क्षेत्र के एक गांव कोटमीसोनार निवासी आनंद प्रकाश मिरी से 10 लाख रुपए मोबाइल की ठगी की गई थी. कुछ घरेलू समस्याओं के चलते आनंद प्रसाद मिरी परेशान थे. उन्हें कुरमा निवासी कुमार पाटले ने तंत्रमंत्र से समस्या का समाधान होने का झांसा दिया. उस ने कहा, ‘बाहर से पंहुचे हुए पंडित बुला कर ग्रहों को शांत करवाना होगा जिस से विघ्नबाधा दूर होगी.’
और आखिर कुमार पाटले ने विनोद कुमार सूर्यवंशी और जगदीश प्रसाद लहरे ऊर्फ कल्लू को तांत्रिक बना कर आनंद मिरी से मिलवाया.
आनंद मिरी से फर्जी तांत्रिकों ने 10 लाख रुपए अनुष्ठान में लगने की बात कही और अनुष्ठान के दिन 10 लाख रुपए लाने का झांसा दिया. जब आनंद मिरी किसी तरह 10 लाख रुपए ले कर पहुंचे तो फर्जी बाबाओं व कुमार पाटले ने उन्हें अनुष्ठान से पहले गंगाजल पीने को दिया, जिस को पीने से आनंद मिरी बेहोश हो गए. बाद में ठग गैंग 10 लाख रुपए और मोबाइल ले कर फरार हो गया.
प्रकरण में अकलतरा थाने में धोखाधड़ी व आपराधिक षड्यंत्र का अपराध दर्ज कर विनोद कुमार सूर्यवंशी उर्फ विक्रम और जगदीश लहरे ऊर्फ कल्लू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया, जबकि आरोपी अमित कुमार पाटले साकिन कुरमा फरार हो गया था.
पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला के निर्देश पर अकलतरा थाना प्रभारी दिनेश कुमार यादव ने आरोपी की पतासाजी कर उसे गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने बताया, ‘अब छत्तीसगढ़ शिक्षा से पिछड़ा हुआ अंचल नहीं है मगर इस सब के बावजूद यहां ठगी की घटनाएं भूतप्रेत और बलि के घटनाक्रम प्रकाश में आते रहती हैं.’ दरअसल, छत्तीसगढ़ में वर्तमान में भी शिक्षा और जागरूकता के प्रचारप्रसार की महती आवश्यकता है.