समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता रही पंखुरी पाठक ने आरोप लगाया है की उनके साथ अलीगढ़ में मोब लिंचीग, जानलेवा हमला और शील भंग करने का प्रयास हुआ. पंखुरी पाठक अपने सहयोगी फिल्म बुलेट के लेखक अमरेश मिश्रा और कुछ साथियों के साथ अलीगढ़ गई थी. अलीगढ़ में यह लोग मानवाधिकार जांच दल का हिस्सा बनकर पुलिस एनकाउंटर में मारे गए नोशाद और मुस्तकीम के घर गये थे.

आरोप है कि पुलिस ने इन लोगों को शक की बिना पर मारा था. मुस्तकीम की विधवा से मिलकर जब पंखुड़ी पाठक और उनकी टीम वापस आ रही थी तो भगवा गमछाधारी बजरंग दल के लोगों ने हमला कर दिया. यह लोग मारने पर उतारू थे.

पंखुरी का आरोप है कि उनका शील भंग करने का प्रयास हुआ. ऐसे में किसी तरह से यह लोग अपनी टीम के साथ बच कर निकल सके. उनकी कार तोड़ दी गई. पंखुरी किसी तरह से भाग कर लखनऊ पहुंच सकी. इस घटना में अलीगढ़ के अतरौली थाने की पुलिस की भूमिका पर भी पंखुरी पाठक ने आरोप लगाये हैं.

पंखुरी पाठक और अमरेश मिश्रा सहित और कई साथियों ने मामले में लोगों को जेल भेजने की मांग की. पंखुरी ने कहा की  मोब लिंचीग के इस मामले वैसे ही काम हो जैसे कि गाइड लाइन सुप्रीम कोर्ट ने बनाई है. सरकार से मांग करते हुए पंखुरी ने कहा कि दोषी लोगों के साथ ही साथ अतरौली थाने के एसएचओ पर भी मुकदमा कायम हो.

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