कांग्रेस पार्टी का सब से खराब समय होने के बावजूद भाजपा को आज भी उस की आहट डरा रही है. मोदी और शाह अपनी सरकार के कार्यकाल की रीतिनीति और उपलब्धियों का बखान करने की जगह कांग्रेस के 70 साल का अपना पुराना राग आलाप रहे हैं. इस डर के पीछे आखिर वजह क्या है?    पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्रांउड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 65 मिनट के भाषण में अपनी मुख्य प्रतिद्वंद्वी व राज्य की सत्ता पर काबिज तृणमूल कांग्रेस के बजाय कांग्रेस पार्टी पर हमलावर रहे. उन के भाषण से यह लग रहा था कि बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी की नहीं, बल्कि कांग्रेस की सरकार चल रही हो.प्रधानमंत्री ही नहीं, भाजपा के तमाम दूसरे नेता भी बंगाल में कांग्रेस विरोध को बुलंद किए हुए हैं.

क्या ये भाजपाई नेता मानते हैं कि तृणमूल कांग्रेस का मूल गोत्र कांग्रेस है, हालांकि तृणमूल कांग्रेस भाजपा के साथ गठबंधन में रह चुकी है. भाजपा वह पार्टी है जिस की स्थापना के प्रेरणास्रोत श्यामा प्रसाद मुखर्जी हैं जिन का जन्म बंगाल में हुआ था. भाजपा में बंगाल के विचारों-संस्कारों-परंपरा की महक है. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में तृणमूल कांग्रेस से अधिक कांग्रेस को कोसा.असम विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रचार अभियान की शुरुआत करीमगंज से करते हुए नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर ही हमला बोलते कहा कि ‘‘कांग्रेस की नीतियों ने असम को नुकसान पहुंचाया है. उस के भ्रष्ट और वोटबैंक आधारित प्रशासन ने असम को भारत का सब से कटा हुआ राज्य बना दिया था. कांग्रेस सरकारों और उस की नीतियों ने असम को सामाजिक, सांस्कृतिक, भौगोलिक और राजनीतिक रूप से नुकसान पहुंचाया है. लोगों को गुमराह करने और वोट लेने में कांग्रेस किसी भी हद तक जा सकती है.

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