कांग्रेस के 'चौकीदार चोर हैं’ मुहिम के बाद भाजपा नेताओं ने सोशल मीडिया में अपने नाम के आगे 'चौकीदार’ लगाने का अभियान चलाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से पहले चौकीदार लगाने के बाद भाजपा के दूसरे नेताओं ने भी 'मैं भी चौकीदार’ लगाना शुरू कर दिया. भाजपा का यह अभियान ट्विटर पर ट्रेंड भी करने लगा. इसे ले कर भाजपा और विपक्षी दलों में सोशल मीडिया पर वार छिड़ गया.

भाजपा के प्रचार विभाग का कहना है कि सोशल मीडिया पर सफल रहे इस अभियान को आगे बढाते हुए प्रधानमंत्री देश भर के 25 लाख चौकीदारों को औडियो ब्रिज के जरिए संबोधित करने जा रहे हैं और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए 500 जगहों से सीधा संवाद करेंगे. इस में खिलाड़ी, युवा, पूर्व सैनिक, किसान, डाक्टर, वकील सहित विभिन्न वर्गों के लोग जुड़ेंगे.

उधर भाजपा का यह अभियान विपक्ष के निशाने पर है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कहते हैं कि प्रधानमंत्री प्रयास करते रहें पर इस से सच्चाई को नहीं दबाया जा सकता. उन्होंने कहा कि हर कोई कह रहा है कि चौकीदार चोर है. बसपा प्रमुख मायावती ने ‘मैं भी चौकीदार’ को ले कर तंज कसे हैं. उन्होंने भाजपा के इस अभियान को नाटक करार देते हुए कहा कि अब वोट के लिए अपने को चौकीदार बताया जा रहा है. पिछले चुनाव के समय वोट की खातिर खुद को चायवाला प्रचारित किया था.

लोकसभा के 2019 के आम चुनावों में जिस तरह से प्रचार चल रहा है लगता है जनता से जुड़े किसी मुद्दे की चर्चा ही नहीं है. 130 करोड़ जनता के लिए सिर्फ चौकीदार लोकसभा चुनाव का मुद्दा बनाया जा रहा है. इससे पहले 'मोदी है तो मुमकिन है’, नारे को प्रचारित किया गया. पिछले 2014 के चुनावों में प्रधानमंत्री को चाय वाला के रूप में प्रचारित किया गया था. यानी इस देश का प्रधानमंत्री खुद को चाय वाला, चौकीदार बता कर उस निचले दलित, पिछड़े वर्ग को अपने साथ जोड़ लेना चाहता है जो छोटेछोटे कामधंधे, नौकरी कर रहे हैं.

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