सत्ता का अंहकार और सांमतशाही व्यवस्था ‘त्रेतायुग’ में भी थी और ‘कलयुग’ में भी है. ‘त्रेतायुग’ की तारीफ करने वाली भाजपा मजदूरों को उसी युग में वापस ले जाना चाहती है जिससे वह शहरी जीवन से निकल कर वापस गांव चले जहां पर जमींदारों के खेतों पर काम करे और उनके शोषण का शिकार हो सके. वर्णव्यवस्था में यकीन करने वाली भाजपा वापस उसी युग में मजदूरो का ले जाना चाहती है जहा पर वह अपनी मेहनत के नहीं बल्कि भाग्य को ही प्रमुख मानते थे. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हालत को मजदूर के त्याग और तपस्या से जोडा था.
जेल का डर
मजदूरों की मदद के लिये हाथ बढाने वाली कांग्रेस सरकार के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को एक ही दिन में दो बार गिरफ्रतार किया गया. अंत में उनको 14 दिन के लिये जेल भेज दिया गया.
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कांग्रेस के प्रवक्ता अशोक सिंह कहते है "उत्तर प्रदेश की सरकार रावण की भूमिका में है. कांग्रेस ने मजदूरों को घर पहंचाने के लिये बसों की व्यवस्था की तो योगी सरकार ने बस चलाने परमिशन देने के नाम पर न केवल बसो चलने से रोका बल्कि कांग्रेस के नेताओं पर मुकदमें कायम करने शुरू कर दिये.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को 14 दिन के लिये जेल भेज दिया. कॉग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह पर मुकदमा कायम हुआ. कई अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं पर मुकदमंे कायम करा दिये गये. 24 घंटे तक उत्तर प्रदेष सरकार और कांग्रेस के बीच रस्साकशी के बाद बसे वापस चली गई. अशोक सिंह कहते है ‘यह उत्तर प्रदेश सरकार का हठधर्म और अहंकार था. जिसकी वजह से मजदूरों की मदद नहीं हो पाई’.