अमेरिका में राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर जानलेवा हमला हुआ है. अमेरिका में चुनाव के दौरान वायलेंस का पुराना इतिहास है, जानिए.
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अमेरिका में एक ऐसी सनसनीखेज घटना घटित हुई है जो दुनिया भर में चर्चा का विषय है. राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर गोली का चलना और गोली चलाने वाले की सुरक्षा कर्मियों द्वारा उसे मौत के घाट पहुंचाना. यह सब कुछ ऐसे घटित हुआ जैसे किसी फिल्म या ड्रामे का दृश्य. आप को हम बताते चलें कि डोनाल्ड ट्रंप अपने कार्यकाल के समय में चर्चा में रहते थे मगर यह चर्चा नकारात्मक ज्यादा होती थी. और जब चुनाव हुए थे तो जो बाइडेन राष्ट्रपति निर्वाचित जब हुए और डोनाल्ड ट्रंप हारते हुए दिखाई दिए तो डोनाल्ड ट्रंप इसे स्वीकार नहीं कर सके और अपने लावा लशकर के साथ आपा खो बैठे. यह दृश्य सारी दुनिया ने टीवी पर देखे और यह सब इतिहास में दर्ज है.
यह भी तथ्य है कि उन पर कई गंभीर आरोप लगे हुए हैं जिस में वह लगातार दोषी पाए जाते रहे हैं. मगर अमेरिका में जैसी लोकतांत्रिक व्यवस्था है उस के साए में वे अभी भी राष्ट्रपति दावेदार हैं और जो घटनाक्रम हुआ है उस के बाद उन की लोकप्रियता बढ़ने की संभावना दिखाई देती है. आमतौर पर यह माना जाता है कि जो हमले का शिकार होता है वह लोगों की संवेदना का पात्र बन जाता है और वह चुनाव जीत जाता है. दुनियाभर का यही इतिहास है. मगर जो डोनाल्ड ट्रंम्प का व्यवहार है, प्रदर्शन है उन की प्रकृति है वह इस घटनाक्रम के बाद भी बदल नहीं सकते. दरअसल, अमेरिका के 45 वें राष्ट्रपति रहे डोनाल्ड ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले से पहले भी अमेरिका में राष्ट्रपतियों, पूर्व राष्ट्रपतियों और प्रमुख दलों के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों को निशाना बनाने की कई घटनाएं हो चुकी हैं.
वर्ष 1776 से देश के राजनीतिक इतिहास में हत्या और हत्या के प्रयासों की कुछ ऐसी ही घटनाएं इस प्रकार हैं:
अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन अमेरिका के पहले राष्ट्रपति थे, जिन की जान वाइक्स बूथ ने 14 अप्रैल 1865 की गोली मार कर हत्या कर दी थी. घटना के दौरान वह अपनी पत्नी मेरी टाड लिंकन के साथ वाशिंगटन के फोर्ड थियेटर में 'अवर अमेरिकन कजिन' नाटक देख रहे थे.
अमेरिका के 20 वें राष्ट्रपति जेम्स गारफील्ड देश के दूसरे राष्ट्रपति थे जिन की कार्यभार संभालने के 6 महीने बाद हत्या कर दी गई थी. वह दो जुलाई 1881 को वाशिंगटन में एक ट्रेन स्टेशन की ओर जा रहे थे तभी चार्ल्स गितेऊ ने उन्हें गोली मार दी थी. गितेऊ को जून 1882 में दोषी ठहराया गया और मृत्युदंड दिया गया.
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