कुछ घटनाओं में यह देखा गया कि कुछ पत्नियों ने कामयाब होते ही पति का हाथ जोर से झटक दिया, पति का कसूर था कि वह शिक्षा और ओहदे की दृष्टि से पत्नी के लायक नहीं रह गया था, इसके बाद सारा समाज जज बन गया और ऐसी महिलाओं को भलाबुरा कहने लगा, लेकिन क्या इस तरह के मामलों में औरतों को लेकर जजमैंटल होना जरूरी है
घटनाएं जिसने बदलती महिलाओं की ओर समाज का ध्यान खींचा
जुलाई 2024 में, कारपेंटर नीरज विश्वकर्मा ने झांसी के सदर तहसील में हाल में नियुक्त हुई पत्नी लेखपाल ऋचा पर गंभीर आरोप लगाया. नीरज का कहना था कि जिस पत्नी को मेहनतमजदूरी कर उसने पढ़ाया और लेखपाल बनाया, उसने नौकरी मिलते ही पति को छोड़ दिया. ऋचा का कहना है कि उनकी शादी नहीं हुई है हालांकि इनकी 3 साल पहले हुई लव मैरिज शादी की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इस मामले से पहले 2023 में भी इसी तरह का एक केस बहुत चर्चा में रहा. जब यूपी की PCS अफसर ज्योति मौर्या पर पति आलोक मौर्या ने ऐसा ही आरोप लगाया था. आलोक का आरोप था कि उसने पत्नी के एजुकेशन में मदद की और उसने एसडीएम बनते ही पति से मुंह मोड़ लिया, यहां तक कि किसी अन्य अधिकारी के साथ प्रेमसंबंध भी बनाया.
उन दिनों कई पतियों के वीडियो वायरल हुए, जिसमें वे कह रहे थे कि इन मामलों की वजह से वे पत्नी को आगे नहीं पढ़ाना चाहते हैं. उन्हीं दिनों पटना के मशहूर खान सर ने भी कहा था कि उनके BPSC बैच से 93 महिलाओं के पति ने अपनी पत्नियों के नाम कटवा दिए.
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