‘‘नोटबंदी देश की माली हालत में सुधार लाने वाला कदम है. इससे शुरू में कुछ दिन लोगों को परेशानी होगी पर आगे चल कर इससे देश को फायदा होगा. 1000 और 500 के नोट पर प्रतिबंध लगाना जरूरी था. इसे कारगर तरीके से लागू करना चाहिए, ताकि गरीबों, किसानों और महिलाओं को परेशानी नहीं हो.’’

‘‘भारतीय सेना ने नियंत्राण रेखा पर आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक किया, इसके लिए भारतीय सेना को बधाई. सेना की बहादुरी की तारीफ करनी चाहिए.’’

‘‘आतंकवाद के खिलाफ केंद्र सरकार को कड़ी करारवाई करनी चाहिए, मैं उनके साथ हूं. आतंकवाद आरोप-प्रत्यारोप का मामला नहीं है, इसके खिलाफ समूचे देश को एकजुट होना चाहिए.’’

‘‘जीएसटी का मैं हमेशा समर्थन करता रहा हूं. इससे देश और राज्यों को फायदा होगा.’’

‘‘प्रधनमंत्री की अचानक पाकिस्तान यात्रा में राजनीति नहीं ढूंढनी चाहिए. प्रधनमंत्री के पाकिस्तानी प्रधनमंत्री के घर जाने में कुछ भी गलत नहीं है. पाकिस्तान में लोकतांत्रिक ताकत को मजबूती मिलने से भारत को फायदा मिलेगा. क्रांति का माहौल बनेगा.’’

‘‘बेनामी संपति के ममाले में केंद्र सरकार को जल्द से जल्द हमला बोलना चाहिए. आम आदमी की मेहनत की कमाई पर कुछ लोग कुडली मार कर बैठ जाते हैं, इसलिए ऐसे लोगों के खिलाफ कारवाई होना बहुत जरूरी है.’’       

यह सारी बातें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गाहे-बगाहे कही है. सभी में खास बात यह है कि नीतीश प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करते नजर आते हैं. भाजपा के विरोधी होने के बाद भी इन मसलों पर नीतीश प्रधनमंत्री के साथ खड़े दिखते हैं. नोटबंदी को लेकर देश भर में उपजी अफरातफरी के ताजा मामले में भी नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी का साथ दे रहे हैं और नोटबंदी को सही करार दे रहे हैं. इन मामले में मोदी का साथ देकर नीतीश ने अपने दल के कुछ नेताओं समेत सहयोगी दल कांग्रेस और राजद को भी नाराज कर लिया है.

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