‘साहेब’ के नाम से मशहूर बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन को कोर्ट के ताजा फैसले में साल 2004 के सिवान, बिहार तेजाब कांड में मुजरिम करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने यह माना है कि मोहम्मद शहाबुद्दीन ने जेल से बाहर आ कर इस हत्याकांड की साजिश रची थी. गौरतलब है कि तकरीबन 11 साल पहले सिवान के यादव मार्केट में रहने वाले कारोबारी चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के 2 बेटों का अपहरण कर लिया गया था और 2 लाख रुपए की फिरौती की मांग की गई थी. फिरौती नहीं देने पर उन दोनों की तेजाब से नहला कर हत्या कर दी गई थी.

16 अगस्त, 2004 को मोहम्मद शहाबुद्दीन के इशारे पर उन के गुरगों ने 24 साला गिरीश कुमार उर्फ निक्कु और 18 साला सतीश कुमार उर्फ सोनू को अलगअलग जगहों से अगवा कर लिया था और फिरौती नहीं मिलने पर हुसैनगंज थाने के प्रतापपुर गांव में मार डाला था. इस मामले में मारे गए दोनों भाइयों की मां कलावती देवी के बयान पर आईपीसी की धारा 341, 323, 380, 435, 364/34 के तहत मुफस्सिल थाने में कांड संख्या 131/2004 दर्ज कराया गया था, जिस में राजकुमार साह, शेख असलम, मोनू मियां उर्फ सोनू उर्फ आरिफ हुसैन को नामजद किया गया था.

इस मामले की जांच के दौरान तब के राजद सांसद रहे मोहम्मद शहाबुद्दीन पर हत्या की साजिश रचने का खुलासा हुआ था. इस मुकदमे में स्पैशल कोर्ट ने 4 जून, 2010 को आईपीसी की धारा 120 (बी) और 364 (ए) में साजिश रचने व अपहरण का आरोपी बनाया था. बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर 1 मई, 2014 को आईपीसी की धारा 302, 201 व 120 (बी) के तहत आरोपी बनाया गया. इस सुनवाई के दौरान दोनों मारे गए लड़कों के भाई और घटना के चश्मदीद गवाह राजीव रोशन की भी 16 जून, 2014 को हत्या कर दी गई थी. इस मामले में मोहम्मद शहाबुद्दीन और उन के बेटे ओसामा पर भी आरोप लगा था.

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