अगर आप समय पर नाश्ता या भोजन नही करते हैं तो आपने बीमारियों को दावत देना शुरू कर चुके हैं. हाइपरटेंशन, डायबिटीज या हाई कोलेस्ट्रौल की समस्या इन्हीं सब कारणों से शुरू होती है. जब आपको फलों और सब्जियों के रस की आवश्यकता होती है, तब आप कोल्ड ड्रिंक्स और अन्य जंक फूड की तरफ आकर्षित हो जाते हैं. यही बीमारी का कारण है. इसलिए डिटौक्सीफिकेशन बहुत जरूरी है. नैचरोपैथी के हिसाब से हमें ताजी कुदरती चीजें-जैसे फल, सब्जियों का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए.
शरीर को डिटौक्सीफाई करने के लिए खास किस्म का आहार भी जरूरी होता है. लीवर शरीर का एक ऐसा प्रमुख अंग है जो तमाम आंतरिक क्रियाओं को नियंत्रित और संतुलित रखने का काम करता है. लीवर शरीर में फिल्टर की तरह काम करता है, इसलिए उसका दुरुस्त होना बेहद जरूरी है. यहां दिए गए आसान कुदरती उपायों को अपनाकर आप लीवर को नुकसानदेह टौक्सिन से बचा सकते हैं.
- गन्ने का रस लीवर के फंक्शन को दुरुस्त रखता है. इसमें कुदरती तौर पर अल्कालाइन होता है, जो शरीर में एसिड स्तर को निम्न रखने में मदद करता है. यह कमजोर लोगों के लिए रिवाइटलाइजिंग एजेंट है.
- पपीते के 10 ग्राम बीज को पीस लें. उसमें 10 बूंद नीबू का रस मिलाकर दिन में दो बार पीने से लीवर दुरुस्त रहता है.
- गेहूं की बाली के जूस में विटमिन, कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन और अमीनो एसिड पाया जाता है जो एक बेहतरीन प्राकृतिक लीवर डिटॉक्सीफायर है.
- मेटाबौलिज्म सिस्टम को सही रखने के लिए सौंफ, नारियल और मिश्री की बराबर मात्रा लेकर पेस्ट बनाकर भोजन करने के आधा घंटे बाद नियमित रूप से खाएं.
- फाइबरयुक्त आहार सबसे जरूरी है. ब्राउन राइस और ताजे फल-सब्जियां-मूली, आर्टीचोक और ब्रौक्ली बेहतरीन डिटौक्सीफाइंग फूड हैं.
- त्वचा पर ड्राई ब्रश चलाएं या डिटौक्सीफाइंग पैचेस लगाएं. इसके अलावा डिटौक्स फुट स्पा या डिटौक्स फुट बाथ लें.
- गहरी सांस लें ताकि पर्याप्त औक्सीजन शरीर में जा सके.