मां शब्द का अर्थ शब्दों मे बयान कर पाना बेहद मुश्किल है लेकिन इस शब्द को अगर 80 साल का बुजुर्ग भी अपनी जुबान पर लाता है तो उसकी भी आंखें नम हो जाती हैं. वो सच्चा प्यार है मां, जो निस्वार्थ और निडर है . मां और बेटे के प्यार को कौन नहीं जानता लेकिन जहां बात आती है सच्ची दोस्ती की तो वो है मां- बेटी का रिश्ता.

ऐसा नहीं है की इनके बीच मे प्यार नहीं होता. प्यार के साथ साथ दोस्ती का रिश्ता इनके प्यार को और मजबूत बनाता है.क्योंकि एक मां ही है जो आपको आप से बेहतर जानती है. बेशक मां बेटी के बीच जेनरेशन गैप होता है, इसके बावजूद भी  इन दोनों के बीच की बौन्डिंग बेहद मजबूत होती है. ऐसा बिलकुल नहीं है की बेटी जबतक अपनी मां के घर है. तब तक ही ये दोस्ती होती है बल्कि शादी के बाद इस रिश्ते में और भी गहरे प्यार का रंग चढ़ता है.

एक बेटी ही होती है जो छोटी -छोटी बात पर मां से झगड़ जाती है और तुरंत ही हमजोली बन जाती है .बेटी जिसे ससुराल में हर पल मां की याद सताती है और उसकी दी नसीहतें याद आती हैं, उसके आंचल को याद कर अपना दामन भिगो लेती हैं. ऐसी ही कुछ खट्टी -कुछ मीठी बातें है जो इस रिश्ते को और भी मजबूत कर जाती हैं .आइए जानते है इस प्यारे से रिश्ते के बारे में.

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