पुराने समय से ही लोग नहाने के लिए साबुन का इस्तेमाल करते आ रहें हैं, लेकिन अब लोगों बीच शावर जैल का क्रेज बढ़ता दिख रहा है. रोज की ये भाग-दौड़ और प्रदूषित वातावरण, हमारे शरीर को गंदा कर देता है, जिसके लिये हम रोज साबुन लगा कर नहाते हैं. लेकिन रोज-रोज साबुन का प्रयोग करना हमारे शरीर और त्वचा के लिये सही नहीं. चलिये जानते हैं कि शावर जैल साबुन से किस तरह ज्यादा बेहतर है.
स्किन इन्फेक्शन नहीं होता
कहते हैं कि हर घर में सबका साबुन अलग-अलग होना चाहिये वरना इससे त्वचा रोग होने की संभावना पैदा हो जाती है. लेकिन यह बात शावर जैल के मामले में गलत है. बाजार में मिलने वाला हर शावर जैल बोतल में आता है, जिसे केवल दबा कर निकालना ही पड़ता है. इसलिये स्किन इन्फेक्शन होने का कोई खतरा नहीं होता.
शरीर की अच्छी सफाई होती है
जब जैल को लूफा में मिला कर शरीर पर रगड़ा जाता है, तो शरीर से मैल साफ होती है. लेकिन कई लोग बस साबुन को ही अपने शरीर से मलते रह जाते हैं और सोंचते हैं कि उनका शरीर साफ हो गया. जैल में अरोमा होता है, जिससे अच्छी खुशबू पैदा होती है और कीटाणु दूर होते हैं.
त्वचा को कोमल बनाता है
हर शावर जैल में कुछ न कुछ ऐसी सामग्रियां होती हैं जो त्वचा को कोमल बनाने के साथ कीटाणुओं से भी लड़ती है. जैसे की मिंट, जो शरीर को जरुरी प्रोटेक्शन प्रदान करता करती है.
जैल शरीर को रूखा नहीं बनाता
वे लोग जो साबुन का इस्तमाल करते हैं, नहाने के बाद उनके शरीर पर पानी की बूंदे दिखाई पड़ती हैं बजाए उनके जो जैल का प्रयोग करते हैं. साबुन त्वचा के लिये कठोर होता है, लेकिन जैल स्किन को सौम्य बनाता है. इसके अलावा शावर जैल को बस जरा सा इस्तमाल करने पर बहुत सारा झाग होता है, लेकिन साबुन को कई बार रगड़ने से ही झाग पैदा होता है, इसलिए साबुन आपकी पाकेट पर महंगा भी पड़ता है.
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