एलोवेरा जैसी वनस्पतियों के अनेक स्वास्थ्य लाभ हैं. किसी अच्छी दवा के साइड इफैक्ट्स भी होते हैं, पर उस के सकारात्मक असर बहुत ज्यादा होने के चलते साइड इफैक्ट्स को नजरअंदाज कर दिया जाता है, और संभावित साइड इफैक्ट्स के लिए सचेत कर दिया जाता है. उसी तरह एलोवेरा के भी कुछ साइड इफैक्ट्स हैं.

किसी भी दवा को लेने से पहले डाक्टर की सलाह लेनी जरूरी है. दवा की कितनी मात्रा कितने दिन के लिए लेनी है आदि के बारे में हमें डाक्टर की सलाह माननी होती है. एलोवेरा के साथ भी यह लागू होता है. देखा गया है कि ज्यादा लोग किसी से सुन कर या स्वयं भी एलोवेरा के पत्ते के जेल को खाते हैं या त्वचा पर लगाते हैं.

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हानिकारक एलोवेरा

एलोवरा को किस रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, इस पर भी बहुतकुछ निर्भर करता है, पत्ता, जूस या जेल, और इसे मुंह से खा या पी रहे हैं या त्वचा पर लगा रहे हैं. ऐलोवरा के कुछ प्रोडक्ट्स प्रोसैस्ड कर बनाए जाते हैं. हमारे शरीर पर इस का क्या असर होगा, इस बात पर निर्भर करता है कि उसे किस तरह से प्रोसैस किया जाता है. एक प्रोसैस में इस के पत्तों को रंगमुक्त करने के लिए उन्हें चारकोल फिल्टर से गुजरना होता है. इस दौरान एलोवेरा में मौजूद एक रसायन एलोइन को निकाल देते हैं. एलोइन पत्ते की बाहरी सतह में होता है.

पशुओं पर एक शोध में देखा गया है कि एलोइन से ट्यूमर होता है. एलोवेरा के कुछ प्रोडक्ट्स होल लीफ यानी पूरे पत्ते से बने होते हैं जिन में हानिकारक एलोइन मौजूद रहता है.

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