प्यार एक ऐसा शब्द है, जिस में कुदरत की कोमल भावनाएं छिपी हैं. एकदूसरे की भावनाओं का एहसास कराता है प्यार. साहित्यकारों का मानना है कि प्यार किया नहीं जाता, हो जाता है. प्यार में कोई जोरजबरदस्ती नहीं चलती. प्यार में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं. प्यार में मासूमियत होती है, छल का कहीं कोई नामोनिशान नहीं होता. इसलिए प्यार करना है तो दिल से कीजिए, पूरे विश्वास और समर्पण से कीजिए, क्योंकि विश्वास ही प्रेम की धुरी है. कोमल भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का अर्थ प्रेम को चूरचूर करना है.
प्यार करना आसान है, लेकिन उसे निभाना मुश्किल. अगर आप चाहते हैं कि आप का प्यार बना रहे, तो इस के लिए साथी को खुशी का एहसास कराएं, जिस से वह आप के और भी करीब आने को मजबूर हो जाए. फिर देखें कैसे आप का प्यार प्रेमसागर में गोते लगाता है. सीमा और अनुज की एक ही कंपनी में नईनई नौकरी लगी थी. दोनों काम के मामले में भी एकदूसरे का सहयोग करते थे. धीरेधीरे उन में गहरी दोस्ती हो गई. दोस्ती के साथसाथ दोनों की चाहत भी बढ़ने लगी, पर सीमा जहां प्यार को ले कर गंभीर थी, वहीं अनुज दोस्ती तक ही सीमित था. सीमा का एकतरफा प्यार उसे तनाव देने लगा. नतीजा, सीमा कंपनी के काम को ढंग से नहीं कर पाती थी. उस का अंधा प्यार उसे नाकामी की ओर धकेल रहा था. कहते हैं, प्यार अंधा होता है. जब आप किसी से प्यार करने लगते हैं, तो उस में इतना खो जाते हैं कि आप को उस के सिवा कुछ नहीं सूझता. आप किसी भी कीमत पर अपना प्यार खोना नहीं चाहते, लेकिन यदि आप चाहते हैं कि आप के साथी को भी आप के प्यार का एहसास हो, तो इस के लिए आप को अपने साथी को परखना होगा.
रश्मि और रजनीश एकदूसरे को दिलोजान से चाहते हैं. दोनों में काफी अच्छी मित्रता है. दोनों एकदूसरे को बेहद प्यार करते हैं. एकदूसरे पर मरमिटने का दंभ भरने वाला यह प्रेमी युगल आज सफल दंपती है. आज भी दोनों अपने प्यार को ले कर एकरस बने हुए हैं. अगर आप चाहते हैं कि आप का प्यार हमेशा बना रहे, तो यहां दिए टिप्स पर गौर फरमाइए:
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भावनाओं की कद्र करें
किसी भी रिश्ते को निभाने के लिए उस की भावनाओं की कद्र करना जरूरी है, क्योंकि कोमल भावनाएं प्यार को न केवल ज्यादा मजबूती देती हैं बल्कि संतुष्टि और खुशी भी देती हैं. अपने साथी को ठेस पहुंचाने वाली बात न कहें, तो अच्छा है. जो बातें आप के साथी को पसंद न हों उन्हें न करना ही उचित है. साथी की भावनाओं का सम्मान करें. उस के जज्बातों को समझें. वह आप को ले कर कितना गंभीर है, यह जानें. प्यार में गंभीरता का होना बहुत जरूरी है.
प्यार कब करें
वैसे तो प्यार के लिए कोई समय, मौसम नहीं होता, फिर भी आपसी तालमेल से चला जाए, तो प्यार के इजहार के लिए किसी दिन या समय की जरूरत नहीं पड़ती. यह कभी भी, किसी भी समय हो जाता है. आज के युवा तो प्यार के मामले में काफी बोल्ड हैं. वे प्यार में खुलापन चाहते हैं. प्यार कब किया जाए, इस की आवश्यकता वे नहीं समझते. यह सच है कि हमारी सोच में खुलापन आया है, पर फिर भी अगर सोच के साथसाथ एक सीमा में रह कर रोमांस किया जाए, तो इस के परिणाम सुखद ही रहते हैं. हमें इस तथ्य को भी नहीं नकारना चाहिए कि प्यार बिन इस जहां में कुछ मुमकिन नहीं है. प्यार का इजहार करने के साथ अपने साथी को इस बात का एहसास कराना भी बहुत जरूरी है कि वह ही आप की चाहत है. थोड़ेथोड़े समय बाद अपने साथी को यह भी जताते रहें कि वह ही आप के लिए दुनिया की सब से अनमोल वस्तु है. कभी मैसेज के जरिए तो कभी ग्रीटिंग कार्ड के जरिए उसे अपनी भावनाओं से अवगत कराते रहें.
ऐडजैस्टमैंट करें
प्यार में ऐडजैस्टमैंट की सख्त जरूरत होती है. किसी भी रिश्ते को ताउम्र बनाए रखने के लिए जहां आपसी तालमेल, सूझबूझ व विश्वास की जरूरत होती है, वहीं ऐडजैस्टमैंट भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है. एकदूसरे की छोटीबड़ी बातों में ऐडजैस्ट करें. अगर बौयफ्रैंड खुले विचारों का है तो उस पर गंभीर विचार वाला बनने के लिए दबाव न डालें.
प्यार को पहचानें
प्यार जिंदगी का खूबसूरत एहसास है. कब, कौन किसे पसंद आ जाए, कहा नहीं जा सकता. प्यार की राह में आगे बढ़ने से पहले साथी को पहचानना बहुत जरूरी है. आप का साथी ऐसा होना चाहिए जो जज्बातों के साथसाथ आप की कोमल भावनाओं की भी कद्र करे. यदि आप को अपने प्यार को पहचानना है तो उस के बारे में बारीकी से जांचपरख करें. आप का प्यार आप को तहेदिल से चाहता है कि नहीं, इसे अवश्य नोट करें. उसे एहसास दिलाएं कि जरा सा भी बदलाव आप की नजरों से बच नहीं सकता. प्यार के मामले में साथी का उदार और स्पष्टवादी होना नितांत आवश्यक है. प्यार में साथी का निस्वार्थवादी होना प्यार को अटूट बनाता है. स्वार्थी प्रेमी का प्रेम में कोई स्थान नहीं होता.
गलती मानें
जब 2 युवा दिल प्यार में धड़कते हैं, तो उन से कहीं न कहीं गलती हो ही जाती है या यों कहें कि जब 2 लोग रिलेशनशिप में होते हैं, तो उन में प्यार के साथ तकरार का होना भी लाजिमी है. ऐसे में ईगो को आगे न आने दें. सही बात के लिए गलती स्वीकार लेना, आपसी उलझन को धैर्य से सुलझा लेना, रिश्तों में नई जान डाल देता है.