कहते हैं प्यार जब अपनी ऊंचाइयों पर पहुंचता है तो वह अपनी सारी हदें पार कर जाता है और इन हदों के परे सबकुछ एकाकार हो जाता है, चाहे वह मन हो या फिर तन. प्रेम में शारीरिक मिलन अकसर एक चुंबक की तरह काम करता है. तमाम नाकाम कोशिशों के बावजूद मिलन के इस आकर्षण से बचा नहीं जा सकता. म्यूचुअल अंडरस्टैंडिंग के साथ शुरू हुए इस रिश्ते में शुरू में तो खूब गर्माहट होती है, मरमिटने के कसमेवादे होते हैं, पर वक्त के साथसाथ ये सब फीके पड़ने लगते हैं, जब तक इसे संसर्गता की डोर से बांधा न जाए. अधिकतर प्लैटोनिक रिश्ते एक मोड़ पर आ कर टूट जाते हैं, बशर्ते वे किसी कमिटमैंट के साथ शुरू न किए गए हों.
ऐसा भी नहीं है कि सैक्सुअल बौंडिंग, लवबौंडिंग को बनाए रखने की एक अहम कड़ी है, पर हां, प्रेम की ताजगी को बनाए रखने के लिए शारीरिक संबंध बनाना बहुत जरूरी है. यदि एक स्त्री और पुरुष के बीच प्रेम है तो वह तब तक लगातार बना रहेगा जब तक उन में शारीरिक संबंध जारी रहेंगे. इसलिए अगर आप प्रेम करते हैं तो सहवास के लिए भी तैयार रहें. कभी भी अपने मन में कुंठा न पालें कि आप गलत कर रही हैं. वैसे भी प्यार में शारीरिक निकटता स्वाभाविक है. इस में कुछ भी अनैतिक नहीं है. हां, पर यह जरूरी है कि शारीरिक संबंध बनाने से पहले अपने पार्टनर की लोआयलिटी टैस्ट जरूर कर लें. रिश्तों की मजबूती व स्वयं की सुरक्षा के लिए बेहद आवश्यक है कि आप अपने पार्टनर को ठीक से जानसमझ लें.