जलन या ईर्ष्या की भावना को आजकल मनोवैज्ञानिक तथा समाज विश्लेषक एक नए अंदाज में देखने लगे हैं. उन के शोध यह साबित कर रहे हैं कि अगर उन्हें किसी की तरक्की का ग्राफ देख कर जलन महसूस होती है तो घबराई सी दशा में रहने के बजाय उस के सकारात्मक पक्ष टटोलें. अगर जलन से प्रेरित हो कर अपनी दशा सुधारने में लग जाएंगे तो हालात सुधरने लगेंगे. इस का लाभ यह होगा कि यह ईर्ष्या कुंठा तक जाने के बजाय खुशियों की राह आसान करती जाएगी.

दूसरे की तरक्की या सफलता देख कर अगर मारे जलन के आप अच्छी मेहनत करने का संकल्प लेते हैं, तो यह ईर्ष्या आप के लिए सुखद परिणाम ला सकती है. यह भविष्य के लिए शुभ संकेत है.

नए प्रयोग करें

कहते हैं न कि भावनाओं पर तो किसी का भी वश नहीं चल पाता, परंतु अपना नजरिया तो ठीक किया ही जा सकता है न? कहने का तात्पर्य यह है कि दृष्टिकोण को सही फ्रेम में लगा कर अपने को अच्छे वातावरण के लिए तैयार करते रहें वरना खाली ईर्ष्या ही ईर्ष्या करने से मानसिक शांति का तो सर्वनाश होगा ही, साथ ही हृदय, लिवर, रक्तचाप आदि बीमारियां भी अपना ठिकाना आप के शरीर में ही बना लेंगी. समय के मिजाज को भांप कर भी अपनी जलन का लाभ उठाया जा सकता है यानी दुनिया नए प्रयोग कर के आगे बढ़ रही है तो आप भी करिए. अगर समय नवीनता और ताजापन चाहता है तो आप भी वैसा करने की तरफ अपना ध्यान दीजिए.

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