सविता को इस बात का हमेशा मलाल रहता था कि सेक्स के बाद पति पीठ घुमा कर ऐसे सो जाता है, जैसे काम निकल जाने के बाद कोई करता हो कई बार उसने यह बात अपने पति विशाल को समझाने की कोशिश भी की. विशाल को जब याद रहता तो वह बेमन से सेक्स के बाद भी सविता को प्यार दुलार करता रहता. ज्यादातर सेक्स के बाद थक कर वह सो ही जाता था. सविता ने अपनी कई दोस्तों से भी बात कर पता किया. जिनमें से ज्यादातर ने यही कहा कि उनका पति भी ऐसा ही करता है कुछ ने कहा कि उनका पति सेक्स के बाद भी आफ्टरप्ले करता है. सभी से बात कर सविता को यह महसूस हुआ कि उसकी बाकी की सहेलियों को जैसे इस बात का फर्क ही नहीं पड़ता कि पति सेक्स के बाद आफ्टरप्ले में रूचि ले या नहीं.
आफ्टरप्ले की यह समस्या उसे मन ही मन कचोटती रहती थी. उसका मन करता था कि सेक्स के बाद भी पति उसी मुद्रा में उसके साथ कुछ समय रहे. जिस दिन विशाल ऐसा करता था सविता को मन ही मन सेक्स में एक अजीब सी खुशी महसूस होती थी. जिस दिन ऐसा नहीं करता था उसमें पूरा दिन एक चिड़चिड़ापन रहता था. ज्यादातर ऐसा ही होता था. ऐसे में सविता के लिये अपने को खुश रखना मुश्किल हो रहा था. सविता ने आफ्टरप्ले को लेकर बहुत सारी जानकारियां जुटाई पर अपने मन की गुत्थी उसे सुलझती नहीं दिख रही थी. उसे समझ नहीं आ रहा था कि आफ्टरप्ले न होने से उसमें इतनी बेचैनी क्यों होती है?