सविता को इस बात का हमेशा मलाल रहता था कि सेक्स के बाद पति पीठ घुमा कर ऐसे सो जाता है, जैसे काम निकल जाने के बाद कोई करता हो कई बार उसने यह बात अपने पति विशाल को समझाने की कोशिश भी की. विशाल को जब याद रहता तो वह बेमन से सेक्स के बाद भी सविता को प्यार दुलार करता रहता. ज्यादातर सेक्स के बाद थक कर वह सो ही जाता था. सविता ने अपनी कई दोस्तों से भी बात कर पता किया. जिनमें से ज्यादातर ने यही कहा कि उनका पति भी ऐसा ही करता है कुछ ने कहा कि उनका पति सेक्स के बाद भी आफ्टरप्ले करता है. सभी से बात कर सविता को यह महसूस हुआ कि उसकी बाकी की सहेलियों को जैसे इस बात का फर्क ही नहीं पड़ता कि पति सेक्स के बाद आफ्टरप्ले में रूचि ले या नहीं.

आफ्टरप्ले की यह समस्या उसे मन ही मन कचोटती रहती थी. उसका मन करता था कि सेक्स के बाद भी पति उसी मुद्रा में उसके साथ कुछ समय रहे. जिस दिन विशाल ऐसा करता था सविता को मन ही मन सेक्स में एक अजीब सी खुशी महसूस होती थी. जिस दिन ऐसा नहीं करता था उसमें पूरा दिन एक चिड़चिड़ापन रहता था. ज्यादातर ऐसा ही होता था. ऐसे में सविता के लिये अपने को खुश रखना मुश्किल हो रहा था. सविता ने आफ्टरप्ले को लेकर बहुत सारी जानकारियां जुटाई पर अपने मन की गुत्थी उसे सुलझती नहीं दिख रही थी. उसे समझ नहीं आ रहा था कि आफ्टरप्ले न होने से उसमें इतनी बेचैनी क्यों होती है?

आफ्टरप्ले को लेकर सविता कितनी भी परेशान क्यों न हो नेहा जैसी महिलाओं को इस बात का कोई मलाल नहीं होता नेहा कहती है मेरी शादी को 3 साल हो गये. हम एक दूसरे से हर तरह से खुश है. मुझे नहीं लगता कि आफ्टरप्ले जैसी कोई चीज जरूरी होती है.मनोविज्ञानी डाक्टर रीना मलिक कहती हैं सेक्स को लेकर अभी समाज में बड़ी अज्ञानता फैली है. ऐसे में अगर किसी को इन चीजों का पता नहीं है तो उसका यह मतलब नहीं होता कि उसे किसी तरह की परेशानी नहीं है फोरप्ले, संतुष्टि और चरमसुख जैसी चीजों का ज्ञान बहुतो को नहीं होता है.’ 

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 डाक्टर रीना मलिक कहती है जो लोग अपनी पत्नी को सेक्स के दौरान पूरी तरह से संतुष्ठि नहीं कर पाते उनके लिये बेहद जरूरी है कि वह सेक्स के बाद आफ्टरप्ले पर पूरा ध्यान दें आज पतिपत्नी के बीच सेक्स में तनाव के मामले बढ़ रहे है. इनका प्रभाव वैवाहिक संबंधों पर भी पड़ता है कई बार बात घर की चाहरदीवारी से बाहर निकल कर अदालत तक पहुंच जाती है. ऐसे में सेक्स संबंधों के कोई कमी पति पत्नी के बीच न रह जाये इसका पूरा प्रयास करना चाहिए.

 क्या है आफ्टरप्ले:

सेक्स संबंध के 3 खास हिस्से होते हैं. इनको अलग अलग नामों से जाना जाता है. सेक्स करने के पहले के हिस्से को फोरप्ले कहा जाता है. दूसरा हिस्सा सेक्स का होता है. जिसमें शारीरिक संबंध बनते है. तीसरा हिस्सा आफ्टर प्ले कहलाता है फोरप्ले शारीरिक संबंध बनाने की शुरूआत होती है. ज्यादातर लोग सेक्स करने से पहले फोरप्ले करके अपने पार्टनर को सेक्स के लिये तैयार करते है कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो बिना फोरप्ले के ही सेक्स करते है. सेक्स संबंधों में फोरप्ले का सबसे खास रोल होता है यह सेक्स में संतुष्टि के लिये मदद करता है. इसका खास प्रभाव महिलाओं पर पड़ता है.

सेक्स संबंधों के जानकार डाक्टर गिरीश चन्द्र मक्कड कहते है सेक्स संबंधों के पहले अगर ठीक तरह से फोर प्ले किया जाये तो साथी को संतुष्टि किया जा सकता है. आमतौर पर जो लोग सही से फोरप्ले नहीं करते वह अपने साथी को सेक्स में खुश नहीं रख पाते जब तक सहयोगी सेक्स के लिये पूरी तरह से तैयार नहीं होगी सेक्स का आनंद अधूरा रह जायेगा. ऐसे में फोरप्ले का महत्व बढ़ जाता है.

औरत का सेक्स के मामले में मनोविज्ञान अलग होता है. वह धीरेधीरे सेक्स के लिये तैयार होती है और फिर धीरेधीरे ही वह संतुष्टि भी होती है. ऐसे में जब पुरूष बिना फोरप्ले के सेक्स को चटपट करके निपटाना चाहता है. तब स्त्री को खराब लगता है कई पुरूषों के सामने यह परेशानी आती है कि वह फोरप्ले में ज्यादा समय नहीं देते. ऐसे में स्त्री चिड़चिड़ी हो जाती है. जिन महिलाओं का सेक्स में पूरा आनंद नहीं मिलता वह आफ्टरप्ले से अपने मनोभावों को संतुष्टि करना चाहती है. ऐसे में जब पुरूष सेक्स के बाद उसे छोड़कर या अलग सो जाता है तो उसे अच्छा नहीं लगता है. जिन महिलाओं को सेक्स में उतनी संतुष्टि नहीं मिलती. जितनी मिलनी चाहिये उनके लिये आफ्टरप्ले सबसे बेहतर तरीका होता है. इसलिये आफ्टरप्ले के महत्व को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है.

 मनोविज्ञानी डाक्टर रीना मलिक कहती हैं सेक्स की संतुष्टि में आफ्टरप्ले के महत्व को नकारा नहीं जा सकता है खासतौर पर उन महिलाओं के लिये जिनको सेक्स में कम संतुष्टि मिलती है. औरतों के लिये सेक्स का मतलब काफी कुछ उनके इमोशन पर निर्भर करता है ऐसे में सेक्स के बाद प्यार दुलार सेक्स में संतुष्टि का पूरा एहसास कराता है. इसी वजह से आफ्टर प्ले को खुश रहने का इमोशनल स्टेप माना जा सकता है. इसके अभाव में औरत का सेक्स से मोह भंग होने लगता है जो सुखी विवाहित जीवन के लिये बड़ा खतरा होता है.

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 आफ्टरप्ले रखें खुश:

 आफ्टर प्ले केवल सेक्स में संतुष्टि का एक जरीया भर नहीं है यह आपसी रिश्तों को मतबूत बनाने का काम भी करता है. ऐसे में जरूरी यह होता है कि सेक्स के बाद भी कोई ऐसी बात न की जाये तो तनाव बढ़ाने वाली हो. घर परिवार या दूसरी परेशानियों के बारें में बाद में बात करें जब औरत कोई ऐसी बात करती है जिसे वह पुरूष से जबरदस्ती मनवाना चाहती है, यह बात जब सेक्स संबधों के बाद करती है, तो उसे लगता है जैसे ब्लैकमेल कर रही हो. ऐसे में सेक्स के बाद प्यार मनुहार और हंसी मजाक भरी बातें करें यह आप दोनों को खुश रखने का काम करेगी. इसके बाद एक मिलने वाला सुकून न सेक्स के आनंद को कई गुना बढ़ा देता है. डाक्टर रीना मलिक कहती हैं सविता जैसी महिलाओं के परेशान होने का यही सबसे बड़ा कारण होता है. सेक्स में खुश न रहने वाली महिलाओं के लिये आफ्टरप्ले बहुत जरूरी हो जाता है.

पुरूषों को आफ्टरप्ले में रूचि कम होती है. इसकी सबसे बड़ी वजह उनका सेक्स में संतुष्टि हो जाना होता है. सेक्स के बाद वह मानसिक रूप से अपने को कम ही जुड़ाव महसूस करता है. अगर पुरूष भी सेक्स के बाद आफ्टरप्ले के महत्व को समझ ले तो दोनो के लिये भी अच्छा रहता है. कई बार पुरूष से सेक्स में कमी रह जाती है. ऐसे में आफ्टरप्ले उस कमी को पूरा करने का काम करेगा. आफ्टरप्ले औरत को खुश रखने का मनोवैज्ञानिक तरीका होता है. इसमें पुरूषों की रूचि कम भले ही हो पर औरत की संतुष्टि का एहसास ही उसे खुश रखता है.                                                           

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