बचपन में हम जो भी सीखते हैं, जो भी करते हैं, उसका असर हमपर जिंदगी भर रहता है. कहीं ना कहीं हमारे उपर उन आदतों का प्रभाव रहता है. आज के बच्चों में बाहर निकल कर खेलने कूदने की आदत कम हो गई है. वो बाहर जा कर खेलने से ज्यादा एक कमरे में बैठ कर टीवी देखना या स्मार्ट फोन में लगे रहना पसंद कर रहे हैं. लंबे समय तक ऐसा करना उनकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. इसका उनकी मानसिक और शारीरिक सेहत पर नकारात्मक असर होता है.

हाल ही में प्रकाशित एक स्टडी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि ज्यादा टीवी देखने से बच्चों की सामाजिक, मानसित और शारीरिक विकास पर बुरा असर होता है. इसके अलावा स्टडी में ये भी बात सामने आई कि अधिक टीवी देखने से बच्चे जंक फूड की ओर आकर्षित होते हैं.

स्टडी में ये भी पता लगाने की कोशिश की गई कि अगर बच्चों को छोटी उम्र में ही उनका एक पर्सनल टीवी दे दिया जाए तो इससे उनके शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास पर क्या असर पड़ेगा. इस शोध के लिए शोधकर्ताओं ने करीब 1800 बच्चों का डाटा लिया जो 1997 से 1998 के बीच में पैदा हुए. इस अध्ययन में कई जरूरी आयामों पर जोर दिया गया. इनमें बच्चों का बौडी मास इंडेक्स, उनकी खाने की आदतें और उनके टीचर से उनके व्यवहार के बारे में जानकारी ली गई.

स्टडी में जा बातें सामने आईं उससे मां बाप को काफी कुछ सीखने की जरूरत है. स्टडी के मुताबिक जिन घरों में बच्चों के बेडरूम में उनके लिए पर्सनल टीवी होती है, उन बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास पर नकारात्मक असर होता है. इन बच्चों में भविष्य में हाई बीएमआई, जंक फूड की तरफ रुझान, डिप्रेशन आदि की समस्या देखी गई.

जानकारों की माने तो आप अपने घर पर टीवी कहां रखते हैं, इसका भी आपके बच्चों के जीवन पर बहुत गहरा असर पड़ता है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि टीवी कभी भी पर्सनल बेडरूम में ना हो और एक तय अवधि तक ही बच्चों को देखने दिया जाए.

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