आजकल के छोटे परिवारों में लडकियां कम उम्र में ही हौस्टल में रहने चली जाती हैं. ऐसे में बौयफ्रेंड के साथ आने वाले खतरे उनको पता नहीं होते. हर लड़की की कोई न कोई सबसे प्रिय दोस्त होती है जिसे वह अपने हर राज बताती है. ऐसे में अगर सहेली सही राय देगी तो लडकी बौयफ्रेंड के साथ गलत दिशा में जाने से बच जाएगी.

नेहा और दीपिका दोनों की स्कूलिंग एक साथ हुई थी. दोनों को ही एमबीए की पढाई करनी थी. इसके लिये उन लोगों ने मैनेजमेंट स्कूल में प्रवेश लिया. कालेज में होस्टल खाली नहीं था. इसलिये दोनों ने एक प्राइवेट होस्टल में रहना शुरू किया. नेहा और दीपिका के स्वभाव में थोड़ा सा अंतर था. नेहा केवल पढ़ाई की तरफ ही ध्यान देती थी जबकि दीपिका पढ़ाई के साथ साथ दुनियादारी में भी अपना दखल रखती थी.

कौलेज में उसके तमाम दोस्त थे. उनमें से एक दो उसके बहुत करीब हो गये थे. इनके साथ दीपिका अक्सर घूमने निकल जाती थी. नेहा उसको समझाती भी थी पर दीपिका की समझ में नही आता था.
नेहा और दीपिका जिस रूम में रहते थे उसका रास्ता अलग से था और सीढ़ियों से नीचे उतरने पर मकान मालिक का छोटा सा गार्डन था. नेहा रात में जब सो जाती तो दीपिका गार्डन में टहलने के लिये जाती थी.

टहलने के बहाने वह अपने बौयफ्रेंड से मोबाइल पर बात भी करती थी. दीपिका के बौयफ्रेंड को जब यह पता चला कि वह अकेले गार्डन में टहलती है तो वह उससे मिलने के लिये आने लगा. एक दिन नेहा ने उसको देख लिया. दीपिका और उसका बौयफ्रेंड गार्डन में बहुत ही रोमांटिक अंदाज में बैठे थे. नेहा ने उस समय तो दीपिका से कुछ नहीं कहने में भलाई समझी पर अगले दिन उसने दीपिका को समझाया. आगे आने वाले खतरों से अवगत कराया.

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