हम सभी स्वस्थ रहना चाहते हैं. बाहरी शरीर का ध्यान तो हम रखते हैं पर अंदर की सफाई कैसे होती है इसका अंदाजा हमें नहीं होता. आपको बता दें कि शरीर के अंदर की सफाई किडनी यानि कि गुर्दा संभालता है. ये हमारे शरीर की विषाक्त और अनावश्यक गंदगी को निकाल कर हमें अंदर से स्वस्थ रखता है.

कई हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि किडनी की परेशानी कई रूपों में हमें प्रभावित करती है. जिसमें कई तरह के इलाज संबंधी विकार शामिल हैं. आपको बता दें कि बच्चों में होने वाले मुख्य किडनी संबंधी रोग हैं- नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम, वीयूआरए यूटीआई आदि हैं. इस खबर में इन रोगों के लक्षण हम आपको बताएंगे ताकि समय रहते बच्चों का ख्याल आप रख सकें.

बच्चों में किडनी के रोगों के ये हैं लक्षण

चेहरे में सूजन, भूख में कमी, मितली, उच्च रक्तचाप, पेशाब संबंधी शिकायतें, कमजोरी, पीठ के निचले हिस्से में दर्द, पेशाब में झाग आना, खुजली और पैरों में ऐंठन.

इसके अलावा मंद विकास, छोटा कद और पैरों की हड्डियों का झुकना जैसी परेशानियां खराब किडनी वाले बच्चों में देखी जाती है.

किडनी की बीमारियों में नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम आम बीमारी है. पेशाब में प्रोटीन का जाना, रक्त में प्रोटीन की मात्रा में कमी, कोलेस्ट्रौल का उच्च स्तर और शरीर में सूजन इस बीमारी के लक्षण हैं.

नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम में किडनी के छन्नी जैसे छेदों के बड़े हो जाने के कारण अतिरिक्त पानी और सेहत के लिए जरूरी पदार्थों के साथ-साथ शरीर के लिए आवश्यक प्रोटीन भी पेशाब के साथ निकल जाता है, जिससे शरीर में प्रोटीन की मात्रा कम हो जाती है और शरीर में सूजन आने लगती है.

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