चाहे गृहणी हो या कामकाजी महिला, कौलेज गोइंग गर्ल हो या साठ साल की दादी अम्मा, सुन्दर तो हर औरत दिखना चाहती है. आज से दस-पन्द्रह साल पहले तक ब्यूटी पार्लरों पर जहां जवां लड़कियों का कब्जा हुआ करता था और चालीस साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को यदाकदा ही वहां देखा जाता था, वहीं आज चालीस से लेकर सत्तर वर्ष तक की महिलाएं भी ब्यूटी पार्लर में पेडीक्योर, मेनिक्योर, हेयर कलर, फेशियल, मसाज करवाती खूब नजर आती हैं. हाल के वर्षों में सौन्दर्य के प्रति भारतीय महिलाओं में काफी जागरुकता आयी है. यह जागरुकता महानगरों से लेकर छोटे कस्बों तक में और धनाड्य से लेकर लो-इनकम कैटेगरी तक की महिलाओं में दिखायी दे रही है. अब कुछ खास मौकों पर ही खूबसूरत दिखने की बजाये महिलाएं हर वक्त खूबसूरत दिखना चाहती हैं. वहीं यह बात भी गौर करने वाली है कि आज की महिला के लिए खूबसूरत दिखने का मतलब सिर्फ खास मौकों के लिए तैयार होना और चेहरे पर मेकअप कर लेना भर नहीं है, बल्कि अब सुन्दरता के दायरे में ग्लोइंग स्किन, चमकदार बाल, अच्छा मेकअप, ड्रेस, फ्रेगरेंस, फुटवियर, हेयर कलर सब कुछ समाहित है. यानी आज की महिला पूर्णरूप से सुन्दर दिखना चाहती है - नख से शिख तक सुन्दर.

पूर्ण सुन्दरता किसी स्त्री को तभी हासिल हो सकती है जब वह हेल्दी हो. हेल्दी होने का यह मतलब हरगिज नहीं है कि आप मोटी या हट्टी कट्टी हों, बल्कि हेल्दी होने का मतलब है कि आपका बौडी फिगर संतुलित हो, आप में काम करने की स्ट्रेंथ हो, आपको कमजोरी महसूस न होती हो और आप जल्दी-जल्दी बीमार न पड़ती हों. आमतौर पर देखा जाता है कि महिलाएं पतला होने के लिए काफी मशक्कत करती हैं. वे जिम जाती हैं, डायटीशियन के पास जाती हैं, योगा करती हैं, जौगिंग करती हैं, मगर इसके साथ वे अपने खानपान पर ध्यान नहीं देतीं या हेल्दी फूड नहीं खातीं. ऐसी हालत में वे पतली तो जरूर हो जाती हैं मगर न तो हेल्दी होती हैं और न ही सुन्दर दिखती हैं.

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