उच्च शिक्षा हासिल करने या नौकरी लग जाने के बाद संतानों को दूसरे शहर या दूसरे देश में जाना पड़ता है. यह स्वाभाविक सचाई है. इस सच के साथ स्वाभाविक यह भी है कि मातापिता अकेलापन महसूस करने लगते हैं.
संतानों के बाहर जाने को दूसरी नजर से देखें तो यह आप को पूरी आजादी से रहने का अच्छा मौका देता है. आप कितने भी बुजुर्ग क्यों न हों, घर में कुछ ऐसी चीजें होती हैं जिन्हें अच्छे और आधुनिक फैशन के अनुरूप बदला जा सकता है.
ऐसे वक्त में आप घर को रीडैकोरेट करें. इस से आप को जहां जिंदगी में फिर से जोश और उत्साह के साथ जीने का नजरिया मिलेगा वहीं पुरानी यादों के साथ जीने के बजाय नए उजालों का स्वागत कर सकेंगे.
इस संदर्भ में टैंजरीन की डिजाइनिंग हेड सोनम गुप्ता का कहना है, ‘‘परदों को खूबसूरत पैटर्न में सजाएं. इस से आप का मूड बेहतर होगा और पूरे घर का लुक बदल जाएगा. ये किफायती मूल्य में औनलाइन बहुत आसानी से उपलब्ध होते हैं, इसलिए इन्हें बदलना आसान भी है.
‘‘हर मौसम के लिए खास/विंडो ड्रेपरी होती हैं. उदाहरण के लिए न्यूट्रल बैकड्रौप के लिए वाइट वेस पैटर्न आजमाएं या फिर हैप्पी समर येलो कलर या वाइब्रैंट औरेंज कलर द्वारा अपने लिविंगरूम को ऊर्जा से भरपूर बना लें.
‘‘बच्चों के घर से जाने के बाद जिंदगी में रोचकता और जीवंतता लाने के लिए पूरा बैडिंग डैकोर फ्लोरल ग्राफिक प्रिंट्स से सजाएं. विशिष्ट
लुक के लिए एब्सट्रैक्ट प्रिंट या फिर सुगंधित वातावरण के एहसास के लिए फिलिंग फ्लावर पैटर्न्स का प्रयोग करें.
‘‘चमकदार रंगों वाले खूबसूरत बैड शीट्स के साथ मुंबई स्ट्रीट व्यू या फिर गोवा बीच हैंगआउट प्रिंट के डिजाइन वाले तकियों से अपने बिस्तर पर लिविंग पैटर्न तैयार करें. हर मौसम में फैब्रिक का रूप बदल दें.
‘‘बच्चों के जाने के बाद आप के पास बहुत सारा खाली समय होता है. इस वक्त को आनंद से गुजारें. ब्रैकफास्ट के दौरान कौफी पीते हुए खिड़की या बालकनी से झांकने और नजारे देखने का लुत्फ ही अलग होता है. इस के लिए बालकनी में 2 आराम कुरसियां डाल लें और गद्देदार कुशन बिछा कर सुकून से बैठें.
‘‘घर में पहले की तरह चहलपहल का माहौल रखने का प्रयास करें. मेहमानों के लिए घर सजा कर रखें. खास कर लिविंग स्पेस और डाइनिंग रूम को नया जीवंत लुक दें.’’
बच्चों के कमरे में बदलाव
बच्चों के जाने के बाद उन का खाली कमरा मातापिता को रहरह कर कचोटता है. बच्चों के खाली कमरे को यादों का धरोहर बनाने के बजाय बेहतर होगा कि उसे किसी और तरह से अपने उपयोग में लाएं. आज तक बच्चों के लिए जीते रहे, अब जिंदगी को थोड़ा सुकून और खूबसूरती से सिर्फ अपने लिए गुजारें.
ईशान्या मौल के सीईओ महेश एम बता रहे हैं कई विकल्प —
रिलैक्सिंग रूम : बच्चों के कमरे का उपयोग रिलैक्स होने के लिए करें. कमरे में से सारे इलैक्ट्रौनिक गैजेट्स हटा दें. जब वक्त मिले यहां बैठ कर बाहर का नजारा देखें या झपकी लें. जमीन पर मैट्रेस बिछा कर उस पर कुशन वगैरा रखें और आराम के पल गुजारें.
लाइब्रेरी : यदि आप को पढ़नेलिखने का शौक है तो इस कमरे को पर्सनल लाइबे्ररी बनाने से बेहतर क्या होगा. किताबों और पत्रिकाओं का बढि़या संकलन तैयार करें. मैगजीन रैक्स, किताबों के लिए रैक्स वगैरा खरीद लें. कमरे में सोफा, टेबलकुरसी आदि डाल दें ताकि आराम से किताबें पढ़ी जा सकें.
म्यूजिक वर्ल्ड : यदि आप म्यूजिकलवर हैं तो बेहतर होगा कि इस कमरे को म्यूजिक के नाम कर दें. रोजाना यहां बैठ कर अभ्यास करें. जमीन पर कालीन बिछा कर सुकून के साथ म्यूजिक की दुनिया में खो जाएं.
वर्कप्लेस : यदि घर से काम करते हैं या फ्रीलांसर हैं तो यह कमरा आप के लिए महत्त्वपूर्ण साबित हो सकता है. आप शांति के साथ यहां बैठ कर काम निबटा सकेंगे. यहां कौर्नर डैस्क, वाल सैल्फ, छोटा स्टोरेज कैबिनेट और एक रिवौल्विंग चेयर व टेबल रख कर इस कमरे को बेहतरीन वर्कप्लेस के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं.
पर्सनल जिम : आप बच्चों के कमरे को छोटेमोटे पर्सनल जिम के रूप में भी तबदील कर सकते हैं. इस से आप का जिस्म भी मेंटेन रहेगा और चुस्तदुरुस्त भी बने रहेंगे. ट्रेडमिल और डंबल रख कर जिम की साजसज्जा पूरी करें. जब भी समय मिले, यहां आ कर ऐक्सरसाइज करें.
बच्चे अकसर मेहमान की तरह आएंगे. इस दौरान उन के सूटकेस, कपड़े रखने की जगह खाली रहे, ऐसी व्यवस्था करें. बच्चे अपने मित्रों व सहेलियों के साथ आ सकते हैं. सो 2 अलगअलग बैड भी हों. बाथरूम हमेशा साफ रखें और उस में सदा नया तौलिया व साबुन रखें ताकि बच्चों और मेहमानों के आने के समय इसे साफ करने की चिंता न करनी पड़े.
इस तरह आप अपने बच्चों के कमरे का बेहतर उपयोग भी कर सकेंगे और जब बच्चे छुट्टियों में घर आएंगे तो वे भी अपने कमरे के इस नए अवतार को देख कर खुश होंगे.