बात चाहे पढ़ाई की हो या कैरियर की, तेजी से बढ़ती संभावनाओं ने क्षेत्रों को विस्तार दे दिया है, इस के चलते कई युवा व किशोर अपने घर व शहरों से दूर दूसरी जगह लक्ष्य तलाशने भी जाते हैं. अब ऐसे में कई बार सुरक्षा व सुविधा की दृष्टि से उन्हें किसी रिश्तेदार या परिचित के साथ रखने जैसे फैसलों पर भी माता पिता को अमल करना पड़ता है. वैसे भी पढ़ाई के लिए नए स्थान पर जाना. निश्चित रूप से बेहद रोमांचक होता है लेकिन कभीकभी रिलोकेटिंग, दूसरी जगह पर जाना, तनावपूर्ण हो सकता है, यह अनुभव जितना अधिक अद्भुत होता है उतनी ही चिंता इस बात की होती है कि घर के सुविधाजनक माहौल को छोड़ने के बाद आप नए माहौल में किस तरह ढल पाएंगे.

किसी की भी जिंदगी में जगह बदलना तनावपूर्ण होता है और इस दौरान व्यवस्थित बने रहना और भी मुश्किल काम है. इस के लिए पैकिंग की थकाऊ प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है और सब से बड़ी बात अपने परिवार को छोड़ कर एकदम नए माहौल, नए लोगों के बीच जाना पड़ता है और यह काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है. इसी समय अपनी मूविंग प्रोसेस को कम तनावपूर्ण बनाने के लिए पहले से ही खुद को तैयार करना और दूसरी प्लानिंग करना महत्त्वपूर्ण होता है शेफोर्ड फ्युचुरिस्टिक स्कूल की ऐक्जीक्यूटिव डायरैक्टर और शैमरौक प्लेक स्कूल की फाउंडर डायरैक्टर मीनल अरोड़ा बता रही हैं नए माहौल में व्यवस्थित ढंग से रहने और नए स्थान पर जाने के जनाव से निपटने के कुछ सुझाव जो पेरैंट्स और बच्चे को अपनाने चाहिए.

नई शुरुआत के लिए बच्चे को तैयार कीजिए

नई जगह जाने से पहले, आप को बच्चे को नए माहौल में ढलने के लिए मानसिक रूप से तैयार करने की जरूरत होती है. नई जगह पर जाने में स्वाभाविक तौर पर थोड़ी चिंता होती है लेकिन इस चिंता को भयानक डर में न बदलने दें. इसलिए यह सोच कर अपने घर, नए पड़ोसी और आसपास के माहौल की चिंता न करें कि आप का संपूर्ण अनुभव खतरनाक होगा.

जिस जगह जा रहे हैं वहां की पूरी जानकारी

नए स्थान पर जाने के साथ ही कई चुनौतियां भी सामने आती हैं इसलिए खुद और बच्चे को पहले से ही तैयार करें और उस स्थान के बारे में पूरी जानकारी लें. सुनिश्चित करें कि आप लोकल मार्केट, नजदीकी अस्पताल, अपने पड़ोसी, स्थानों और सुरक्षा इत्यादि के बारे में अच्छे से जानते हैं.

एक सूची बनाएं

अपनी पूरी जानकारी के अनुसार एक सूची बनाएं जो आप को बाजार से खरीदनी है और जो चीजें घर से ले जानी हैं. उन्हें भी लिख लें. इस से नए स्थान पर आप को परेशानी नहीं आएगी. आप अधिक व्यवस्थित हो पाएें और रिलोकेशन आप के लिए तनाव रहित काम बन जाएगा. साथ ही यह सुनिश्चित करें कि शिक्षा से संबंधित और नौन ऐकेडेमिक, डाक्यूमैंट, पैनकार्ड, लाइसैंस, पासपोर्ट, मार्कशीट, सर्टिफिकेट्स आदि जैसी चीजें सुरक्षापूर्वक अपने साथ रख ली है.

प्राथमिकता तय करें

अब जब पूरी सूची तैयार हो गई है तो जिन कामों को सब से पहले करना हो, उन का निर्धारण करें. सब से पहले बाजार से जरूरी सामान खरीदने की सलाह दी जाती है और फिर उन्हें पैक करना आरंभ करें. यह भी गौर करें कि ऐसी कोई एक्टिविटी है जिसे इस व्यस्ततम समय में टाला जा सकता है.

सिर्फ आवश्यक सामान पैक कर ले जाएं

आप सोचें कि आप के बच्चे को किस चीज की सब से ज्यादा जरूरत है और वह क्या ले जाना चाहता है. जरूरी सामानों और ऐसे ही रखे जाने वाले सामानों के बीच अंतर करें.

उदाहरण के लिएः शूज और बूट सीमित संख्या में रखें क्योंकि इस से आप का बैग भारी हो सकता है.

बौक्स पर लेबल लगाएं

बच्चों के सामान को अलगअलग बौक्स में रखें और उन पर लेबल लगाएं. उदाहरण के लिए उन में सभी कपड़े एक कार्टून में रखें, जूते दूसरे कार्टून में, किताबें दूसरे कार्टून में. जिस से सामान खोलते समय आसानी हो.

मौसम के अनुसार पैक करें कपड़े

बच्चे के सभी कपड़े एक साथ न रखें. मौसम को ध्यान में रख कर ही कपड़ों का चुनाव करें. जिस से यात्रा के दौरान उन का बैग भारी नहीं होगा और उन को परेशानी भी नहीं होगी.

कमरे के लेआउट को तय करें

नए स्थान पर सामान ले जाने से पहले सुनिश्चित करें कि आप को कौन सी चीजें कहां रखनी हैं. यदि लेआउट तैयार होगा तो सामान रखने में आसानी होगी.

कैंपस का दौरा करें

याद रखें शुरूआत में नई जगह जाना तनावपूर्ण होता है. कालेज से पहले ही परिचित हो तो कालेज परिसर का भ्रमण करें. इस से कक्षा को ढूंढ़ने में लगने वाले अनावश्यक तनाव को भी दूर करने में मदद मिलेगी.

अगर इन सब बातों का ध्यान रखा जाएगा तो नई जगह पर जाने पर कोई भी समस्या नहीं आएगी और आप को नई जगह पर एक अपनेपन का एहसास होगा.

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