आपके शरीर में 60 प्रतिशत पानी होता है. पाचन, अवशोषण, पोषक तत्व पहुंचाने और शरीर के तापमान को ठीक बनाए रखने में मदद करता है. आप जानते हैं कि कम पानी से शरीर थका हुआ और डी-हाइड्रेटड हो जाता है, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है जरूरत से ज़्यादा पानी पीने से क्या होता है?
एक अन्तर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ पैनल के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, हाइपोनैट्रिमया (ईएएच) (ब्लड में सोडियम की कमी) से बचने के लिए पानी का सेवन सिर्फ तभी करें, जब आपको प्यास लगी हो. यह दिशा-निर्देश ‘क्लिनीकल जरनल औफ स्पोर्ट मेडिसिन’ में छपे थे.
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ज्यादा पानी पीने के नुकसान
– ज्यादा पानी पीने की सीमा होनी चाहिए और ज़्यादा डी-हाइड्रेशन से बचने के लिए, जब पर्याप्त तरल पदार्थ दिए जाते हैं तो उससे हाइपोनैट्रिमया का विकास होता है.
– किडनी की अतिरिक्त पानी पचाने की क्षमता कमजोर होने लगती है और शरीर में मौजूद सोडियम पतला होने लगता है.
– ज्यादा पानी पीने से कोशिकाओं में सूजन आने लगती है, जो कि जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकती है.
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ज्यादा पानी पीने से होने वाले नुकसानों की पहचान के लक्षण
– इसके शुरूआती लक्ष्ण हैं चक्कर आना, उबकाई, सूजन और एथलेटिक इवेंट के दौरान वजन बढ़ना.
– समस्या बढ़ जाने पर ईएएच के दौरान उल्टी, सिर दर्द, मानसिक स्थिती का बदलना ( भ्रम, उत्तेजक और बेहोशी) और कोमा जैसे लक्ष्ण देखने को मिलते हैं.
– कठिन प्रतियोगिता जैसे मैरेथान, ट्रायथलान, स्विंमींग, रेस और सैन्य अभ्यास के दौरान ईएएच हो सकता है.