धुआंधार भाषणों के अलावा नरेंद्र मोदी अपनी एक खास स्टाइल और पोशाक के चलते भी काफी शोहरत हासिल कर चुके हैं. चुनाव प्रचार के दौरान जनता का ध्यान खींचने में दूसरे नेताओं, खासतौर से अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के राहुल गांधी के मुकाबले ज्यादा कामयाब रहे थे. आधी बांह का कुरता और उस के ऊपर नेहरूकट जैकेट उन पर खूब फबी थी. कई दफा उन्होंने चूड़ीदार पाजामा भी पहना. लोकसभा चुनाव के दौरान ही एक सर्वे में 76 फीसदी लोगों ने मोदी को सब से स्टाइलिश नेता माना था. यह कहने में भी लोग हिचकिचाए नहीं थे कि वे ड्रैस के कारण उम्र से कम दिखते हैं.

बदल रहे हैं नेता

आजादी के बाद अधिकांश नेताओं की पसंदीदा पोशाक धोती, कुरता और जैकेट हुआ करती थी, सिर्फ पंडित जवाहर लाल नेहरू जैसे दोचार विदेश में पढ़े नेता ही पैंट, शर्ट या सूट पहनते थे. इसलिए वे अलग चमकते भी थे.

धीरेधीरे धोती की जगह पाजामे और पैंट ने ले ली पर नेता कुरते का मोह नहीं छोड़ पाए. पुराने नेताओं के पास 4-6 जोड़ी कपड़े हुआ करते थे पर आजकल के नेताओं की अलमारियों में सैकड़ों जोड़ी पोशाकें होती हैं. कभी केवल भाषणों की वजह से पहचाने जाने वाले नेता अब फैशन और ड्रैस की वजह से भी सुर्खियों में रहने लगे हैं. जनता भी चाहती है कि नेता स्मार्ट और स्टाइलिश कपड़े पहनने वाला हो और अलग दिखे, खासतौर से प्रधानमंत्री, क्योंकि उस पर दुनिया भर की निगाहें होती हैं. 

नरेंद्र मोदी अकसर दाएं हाथ में घड़ी पहनते हैं और उन के टेलर विपिन चौहान की मानें तो वे एक दफा कह चुके हैं कि मैं अपनी आंखों, आवाज और कपड़ों से समझौता नहीं कर सकता. प्रधानमंत्री बनने के बाद अब वे और सजग हो चले हैं और इस बात का भी खयाल रखते हैं कि पोशाक भारतीय हो लेकिन उस में इंटरनैशनल लुक भी हो. साल 2014 में ब्राजील दौरे के दौरान मोदी अलग अंदाज में दिखे थे. कुरतेपाजामे की जगह वे सूट में नजर आए थे जिसे अहमदाबाद की जेड ब्लू कंपनी ने डिजाइन किया था. सूट पहनने के पीछे मोदी की मंशा शायद यही थी कि विदेश जाएं तो ऐसे दिखें भी कि लोग यह समझ जाएं कि सब से बडे़ लोकतांत्रिक देश की अगुआई करने वाला हर रंग में खुद को रंगना जानता है.

और भी हैं उदाहरण

स्टाइलिश नेताओं में दूसरा बड़ा नाम कांगे्रस के ज्योतिरादित्य सिंधिया का लिया जाता है जो अपने पिता माधवराव की तरह ही खास अंदाज में दिखते हैं. सिंधिया की पसंदीदा ड्रैस चूड़ीदार पाजामा, सफेद झकास कुरता और नेहरूकट जैकेट है. इन कपड़ों के साथ वे काले रंग के जूते पहनते हैं. ग्वालियर राजघराने का वैभव तो ज्योतिरादित्य के चेहरे से झलकता ही है पर तरहतरह के बेशकीमती चश्मे भी उन के पास हैं. उन के एक नजदीकी ग्वालियर के पत्रकार की मानें तो चश्मों के अलावा उन के पास कलाई घडि़यों और रिस्ट बैंड का भी भंडार है.

कांगे्रस के ही राहुल गांधी हालांकि कभी अपनी ड्रैस और स्टाइल की वजह से चर्चित नहीं हुए पर सभाओं में वे अकसर सफेद कुरतापाजामा या फिर जींस की पैंट के ऊपर ढीला कुरता पहन कर जाते हैं और दाढ़ी हलकी बढ़ी रखते हैं. लंदन के एक नामी स्टोर्स से कपड़ों की खरीदारी करने वाले राहुल गांधी के पास प्रिंटैड शर्ट और सूट भी इफरात में हैं लेकिन उन्हें वे कभीकभार ही पहनते हैं.

राहुल के मुकाबले उन की मां सोनिया गांधी पहनावे के कारण ज्यादा लोगों का ध्यान खींचती हैं. जनसभाओं में वे साड़ी के अलावा कभीकभी सूट भी पहनती हैं. हैंडलूम के अलावा मध्य प्रदेश की मशहूर चंदेरी साड़ी हो या ओडिशा की संबलपुरी साड़ी, इन से सोनिया गांधी की अलमारियां भरी पड़ी हैं. अकसर हाई हील की सैंडल और चप्पल पहनने वाली सोनिया कभीकभी बंद गले का ब्लाउज भी पहने दिखती हैं जो उन्हें और खास बनाता है.

सुषमा स्वराज का स्टाइल भी औरतों को भाता है. वे साड़ी के ऊपर कोटि (जैकेट) पहनती हैं तो खूब जंचती हैं जिस पर माथे पर लगी बड़ी बिंदी बरबस ही लोगों का ध्यान खींचती है.

उलट इस के पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने सख्त तेवरों के मुकाबले कपड़े बेहद सादे पहनती हैं. राजनीतिक सफर की शुरुआत में वे खुद अपनी साडि़यां डिजाइन करती थीं और आज भी बगैर इस्त्री की साडि़यां पहन कर ही विधानसभा और जनता के बीच पहुंचती हैं. उन का यह सादगीभरा पहनावा, पश्चिम बंगाल में फैशन बनता जा रहा है. वे अकसर सफेद या हलकी नीली साड़ी पहनती हैं.

ममता जैसा ही हाल बसपा प्रमुख मायावती का है जिन्होंने कभी तड़कभड़क वाले पहनावे में यकीन नहीं किया और सादगी को ही फैशन बना डाला. मायावती के सलवार सूट दूर से ही सस्ते दिखते हैं. वे दुपट्टे को शाल की तरह इस तरह पहनती हैं कि वह घुटनों तक लटकता नजर आता है.

फिल्म एक्ट्रैस हेमा मालिनी अब मथुरा से भाजपा की सांसद भी हैं, नेतागीरी करते हुए वे अपने कपड़ों का खास खयाल रखती हैं. चुनाव प्रचार के दौरान वे सिल्क और कांजीवरम की साडि़यों में नजर आई थीं. खास बात यह है कि वे ड्रैस से मेल खाती ज्वैलरी पहनती हैं. साडि़यों और गहनों के मामले में तमिलनाडु की सीएम जे जयललिता किसी से पीछे नहीं.

स्टाइलिश नेताओं में एक अहम नाम भाजपा के नवजोत सिंह सिद्धू का भी है. सिद्धू उन गिनेचुने नेताओं में से हैं जो परंपरागत भारतीय कपड़ों के बजाय पैंटशर्ट पहनते हैं. पगड़ी के रंग से मैच करती टाई उन्हें स्टाइलिश बनाती है. जम्मूकश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की भी गिनती फैशनेबल और स्टाइलिश नेताओं में होती है. चूड़ीदार पाजामे पर वे अकसर सिल्क का कुरता पहनते हैं और नेहरूकट जैकेट उन की भी पसंदीदा पोशाक है.

कांग्रेस के सचिन पायलट भी अपने अलग लुक के लिए जाने जाते हैं. वजह, वे अकसर सहूलियत वाली परंपरागत ड्रैस पैंटशर्ट पहनते हैं. नेता दिखने के लिए वे भी सभाओं में जैकेट पहने रहते हैं. एक खास किस्म का चश्मा भी सचिन पहनते हैं. वे मान भी चुके हैं कि पैंटशर्ट्स का खास कलैक्शन उन के पास है.

स्टाइल के माने

हर एक नेता चाहता है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों का ध्यान उस की तरफ जाए, इसलिए तेजी से उन का रुझान फैशन, स्टाइल और ड्रैस की तरफ बढ़ रहा है. यह जरूरी नहीं कि यही शोहरत की वजह हो पर और नेताओं से हट कर पहचान तो होती ही है. राजीव गांधी अपने बंद गले के सूट के चलते खूब पसंद किए गए थे, तो दूसरी तरफ लालू प्रसाद यादव का कुरतापाजामा भी लोगों ने सराहा.

वहीं, कई नेता ऐसे भी हैं जो प्रसिद्ध होते हुए भी ड्रैस और स्टाइल में मात खा गए. इन में सब से बड़ा नाम ‘आप’ के मुखिया अरविंद केजरीवाल और उन के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कपड़े और पहनावे पर तवज्जुह नहीं देते.

केवल अपने देश के ही नहीं, बल्कि कई विदेशी नेता भी अपनी ड्रैस, फैशन और स्टाइल की वजह से पहचाने जाते रहे हैं. इन में क्यूबा के कम्युनिस्ट नेता फिदेल कास्त्रो एक अहम नाम है जो अकसर खिलाडि़यों वाला ट्रैक सूट पहनते थे. चीन के पूर्व राष्ट्रपति माओत्से तुंग भी अपने सफारी सूट के कारण लोकप्रिय हुए थे. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्ंिलटन का सूट भी काफी चर्चाओं में रहा था. इन दिनों अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के नेता रिक सालोरूम का स्वेटर भी सुर्खियों में है.

भारत में स्टाइलिश नेताओं की तादाद काफी कम है. वजह, नेता छोटे शहरों में पैदा होते हैं जिन की नजर में खादी का कुरतापाजामा और जैकेट ही नेता की पहचान होती है. पैंटशर्ट पहन जनता के बीच जाने से छोटा नेता भी परहेज करता है. नरेंद्र मोदी के मेकओवर से इस सोच में कितना बदलाव आएगा यह देखना दिलचस्पी की बात होगी.

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