Generation Z : समय रैना इस समय भारत के टौप कौमेडियन में से एक है. अपने वन लाइनर ह्युमारिस्टिक पंच ने उसे यूथ आइकन बना दिया है. हालांकि कभीकभी वह ओवर द टौप हो जाता है जो उस के पोडकास्टर जोए रीगन जैसा होने का आभास कराती है.

‘इंडियाज गोट लैटेन्ट’ यूट्यूब में ऐसा हिट शो बन गया है जिस की चर्चाएं आजकल हर जगह हैं. यह चर्चाएं इसलिए हैं क्योंकि इस का कांसेप्ट डार्क कौमेडी पर बेस्ड है और इस का होस्ट कौमडियन समय रैना है. समय रैना जो अपने वन लाइनर पंचेज, कंट्रोवेर्सीज, चैस गेम स्किल्स, स्टैंडअप के लिए मशहूर है. वह जो बोलता है उस के गहरे मतलब होते हैं, जो उस की बातें नहीं समझ पाता वो अपना माथा धुनता है और जो समझ जाता है वो खिलखिला जाता है और दंग रह जाता है.

कम उम्र में ऊंचा मुकाम

समय रैना 26 साल का है मगर इतनी छोटी उम्र में उस ने वो ऊंचाई हासिल कर ली है जिस के लिए सालों लग जाते हैं. कश्मीरी स्टैंडअप कौमेडियन जो कईयों के लिए सवाल बना हुआ है कि उस का माइंडसेट किस तरह काम करता है और उसे हर चीजें डार्क में कहने की आदत क्यों है? दूसरा यह कि वह सीरियस बातों को ह्यूमर के साथ नौन सीरियस तरीके से कैसे कह सकता है? साथ ही डार्क कौमेडी का ट्रेंड आजकल भारत में क्यों बढ़ रहा है?

एक समय था जब सेंसिटिव टौपिक्स को सेंसिटिवली हैंडल करने की बात कही जाती थी. जब कोई अपनी सीरियस बात बताता था तो मिनिमम अंडरस्टैंडिंग यह होती थी कि कोई उस समय उस का या उस बात का मजाक न बनाए लेकिन डार्क कौमेडी इसी बात पर आधारित है कि सेंसिटिव बातों को भी ह्यूमर के साथ मजाकिया अंदाज में कही जाए. दुखी माहौल में एक वन लाइनर आती है माहौल को खुशनुमा हो जाता है.

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