आजकल लोग प्लौटेड जमीन पर कम ही मकान बना पाते हैं. उन्हें मल्टीस्टोरीड सैकड़ों फ्लैटों वाले मकानों को अपना कहने से ही संतोष करना पड़ता है, जिस में पूरा नक्शा बिल्डर का होता है. इस में ‘जैसा है वैसा लें’ के आधार पर काम होता है. फिर भी शहरों के बाहरी इलाकों में 100, 200, 300 मीटर के प्लौट भी मिलते हैं जिन पर मनचाहा मकान बनवाना बेहद सुखदायक व संतोष देने वाला होता है.

इस तरह ‘एक सुंदर बंगला हो’ के सपने को साकार रूप देने का जब समय आता है तो इंसान की कोशिश होती है कि घर खूबसूरत, सुविधा संपन्न व दोषरहित बने. यों तो सब की जरूरतें बजट और पसंद एकदूसरे से भिन्न होती हैं और इसीलिए निर्माण कार्य में भी भिन्नता होती है. लेकिन जैसे हर चीज का एक स्टैंडर्ड मानक होता है, उसी तरह से गृह निर्माण के क्षेत्र में भी कुछ मानक निर्धारित हैं जिन्हें ध्यान में रख कर निर्माण के समय की भागदौड़ व परेशानियों से बच सकते हैं.

मकान की प्लिंथ की ऊंचाई सड़क से कम से कम 3 फुट होनी चाहिए. यह ध्यान रखें कि सड़कों की ऊंचाई समय के अनुसार बढ़ती रहेगी.

यदि मकान स्टिल्ट पर बनाया जा रहा है तो नियम स्थानीय निकाय के मानने होंगे ताकि कार सड़क से पार्किंग तक आ सके.

रसोईघर के स्लैब की ऊंचाई औसतन 30 से 34 इंच रखना सुविधाजनक होता है.

आमतौर पर रसोई में एल आकार के स्लैब की चौड़ाई सवा 2 फुट, सिंक व पानी रखने का स्लैब 2 फुट तथा अन्य उपयोगी सामानों को रखने

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