बचपन के दिन बेहद खूबसूरत होते हैं. सपनों की दुनिया में विचरते इस बचपन का हर लम्हा दर्द और तनाव से दूर ऊर्जा से भरपूर होता है. यदि आप भी लड़ाई-झगड़ों, मानसिक तनावों और बीमारियों से दूर एक स्वस्थ ,खुशहाल, रोचक और आसान जिंदगी जीना चाहते हैं तो हमारी सलाह मानिये. आप 35 साल के हों या 55 के जीवन में वे रंग भरिए, जो होते हैं बचपन के ...

  1. लड़ना ,रूठना और तुरंत मान जाना
    याद कीजिए बचपन में आप को कोई भी बात बुरी लगती थी तो आप दिल खोल कर बोलते थे. कोई बात दिल में दबा कर नहीं रखते थे. अपना हक मांगते थे. लड़झगड़ कर सामने वाले से रूठ भी जाते थे तो 2 मिनट बाद ही आप उसी शख्स के साथ खेलने लग जाते थे. मन में कोई मेल नहीं रखते थे. कोई शिकायत नहीं थी. पर अब हजारों बातें और शिकायतें हैं जिन्हें आप मन में रखते हैं. सामने वाले से कहते नहीं. अंदर ही अंदर घुटने रहते हैं. किसी की बात बुरी लगे तो आहत हो जाते हैं. छोटीछोटी बातों पर क्रोधित होते हैं और उस क्रोध की ज्वाला से सालों खुद को ही झुलसाते रहते हैं. इस तरह आप खुद अपनी सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं. रिश्तो में दरार लाते हैं और सालोंसाल और पीड़ा का बोझ मन पर ढोए जीते जाते हैं. बेहतर है कि बच्चों की तरह दूसरे की कटु बातों को भी हल्के में लेना शुरू करें. अपना मन हमेशा साफ रखें.

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2. हर समय कुछ नया सीखने की चाह
बचपन में इंसान हर पल कुछ नया सीखता है. उस के हाथ में कुछ भी दे दीजिए वह घंटों उस से खेलता रहेगा. नएनए प्रयोग करेगा. उस के अंजरपंजर तोड़ कर देखेगा. जानने का प्रयास करेगा. हर बात पर सवाल करेगा. हमेशा कुछ नया जानने और सीखने का प्रयास करेगा. इसी स्वभाव की वजह से बच्चे न तो कभी बोर होते हैं और न ही सुस्त बैठते हैं. हर समय एक्टिव रहते हैं दिमाग से भी शरीर से भी. इस सक्रियता की वजह से वे बीमार कम होते हैं. उन के शरीर में उर्जा और जीवन के प्रति आकर्षण बना रहता है. पर बड़े होने के बाद हम क्या करते हैं ? एक रूटीन जिंदगी जीने लग जाते हैं. कुछ नया सीखने या करने की इच्छा खत्म होती जाती है. कभी कंप्यूटर के सामने घंटों बैठे रहते हैं तो कभी मोबाइल हाथ में ले कर स्क्रौल डाउन करते रहते हैं. इस जड़ता का नतीजा यह होता है कि शरीर और दिमाग में जंग लगने लगता है. शारीरिक मानसिक निष्क्रियता ले कर आती है सैकड़ों बीमारियां और बोझिल लमहे. इस लिए स्वस्थ रहना चाहते हैं तो दिमाग और शरीर को हमेशा सक्रिय बनाए रखें.

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