अभिनेता व निर्माता अनिल कपूर ने बौलीवुड और हौलीवुड दोनों में काम किया है. जब उन्होंने अपना फिल्मी कैरियर फिल्म ‘हमारे तुम्हारे’ में एक छोटी सी भूमिका से शुरू की थी तो उन्हें लगा नहीं था कि वे इतने कामयाब हीरो बनेंगे. फिल्म ‘वो सात दिन’ उन के कैरियर की टर्निंग पौइंट थी जिस के बाद से उन्हें पीछे मुड़ कर देखना नहीं पड़ा. ‘मेरी जंग’, ‘चमेली की शादी’, ‘जांबाज’, ‘कर्मा’,  ‘मि. इंडिया’, ‘तेजाब’, ‘रामलखन’, ‘घर हो तो ऐसा’, ‘बेटा’, ‘नायक’ और ‘स्लमडौग मिलियनेर’ जैसी हर तरह की फिल्में उन्होंने कीं. टीवी पर उन्होंने फिल्मों की तरह बड़ी स्टारकास्ट के साथ ऐक्शन से भरपूर कार्यक्रम ‘24’ शुरू किया, कमोबेश प्रतिक्रिया के बीच अच्छा ही चला और वे एक बार फिर ‘24’ के सीजन टू को ले कर हाजिर हैं. इस बार वे साइबर क्राइम से मुंबई को बचाने के मिशन पर होंगे. इस बार भी इस सीरीज को अच्छा रिस्पौंस मिला है. वे अपने शो को ले कर काफी उत्सुक हैं. पेश हैं उन से हुई बातचीत के अंश.

इतने दिनों बाद फिर से ‘24’ को शुरू करना कितना मुश्किल था?

बहुत अधिक मुश्किल था. पर जब मैं किसी चीज पर विश्वास कर लेता हूं तो उसे अवश्य करता हूं और सब से अच्छा करने की कोशिश करता हूं. यह शारीरिक और मानसिक रूप से चैलेंजिंग काम है लेकिन मैं इस शो से और इस के ‘फौरमैट’ से प्यार करता हूं, कैसे स्टोरी आगे बढ़ती है, इस के चरित्र, इस की कहानी सब आकर्षक हैं. मैं हमेशा अपने काम से बहुत प्यार करता हूं. इस का ‘कंटैंट’ बहुत अच्छी तरह लिखा गया है. किरदार चाहे कोई भी हो पर वह लिखा किस तरह है, यह अहम है. इस के लिए मेरे साथ एक बड़ी टीम है जो मेरा साथ दे रही है. मैं अकेला केवल मेहनत ही कर सकता हूं लेकिन जब सब का साथ मिला, तो काम शुरू हो गया.

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