आजकल लड़कियों को टाइट व स्किनी जींस पहनना पसंद है, भले ही वे इस में कंफर्टेबल हों या ना हों, लेकिन कैरी करती हैं. दरअसल उन्हें लगता है कि इस से उन का फिगर सैक्सी लगेगा और सब का ध्यान उन की तरफ अट्रैक्ट होगा. पर क्या आप जानती हैं टाइट जींस आप को बीमार कर रही है और इस की वजह से आप अस्पताल तक पहुंच सकती हैं?

जी हां, औस्ट्रेलिया के एडिलेड शहर में एक लड़की के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है. स्टाइलिश व सैक्सी दिखने के लिए लड़की ने टाइट जींस पहन तो ली थी, लेकिन यही टाइट जींस ने उसे अस्पताल पहुंचा दिया, जहां पता चला कि उस की पैरों की मांसपेशियों में खून की सप्लाई रुक जाने से यह हादसा हुआ है. लड़की की हालत इतनी ज्यादा खराब हो गई थी कि वह अपने पैरों पर खड़ी भी नहीं हो पा रही थी, उसे रैंग कर लोगों की मदद लेनी पड़ी.

लड़कियां टाइट जींस पहनना क्यों करती हैं पसंदः

– लड़कियों को लगता है टाइट व फिटिंग के कपड़ों में ही सैक्सी दिख सकती हैं.

– लड़कों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए.

– बोल्ड व कौंफिडैंट नजर आने के लिए.

– अपडेट व स्टाइलिश दिखने के लिए.

– आप मानें चाहे ना मानें लेकिन लड़कियां अपनी फ्रैंड्स को जलाने के लिए भी टाइट जींस पहनना पसंद करती हैं.

– कुछ लड़कियां केवल दूसरों को देख कर पहनती हैं.

फैशन के साथ खुद को अपडेट रखना अच्छी बात है लेकिन इस की वजह से हैल्थ को अनदेखा करना सही नहीं है. टाइट जींस भले ही फिगर को सैक्सी लुक देती हो, पर ये नुकसानदायक होते हैं. लेकिन इस की वजह से कई तरह के हैल्थ प्रौब्लम होते हैं जिन पर शायद ही आप ध्यान देती हों.

पीठ दर्द की समस्याः

आज के समय में हम में से अधिकांश लड़कियां लो वैस्ट जींस पहनना पसंद करती हैं. टाइट व लो वैस्ट जींस हमारे पीठ की मसल्स को कौंप्रैस और हिप बोन के मूवमैंट को रोकती हैं, जिस का हमारे स्पाइन और पीठ पर दबाव पड़ता है और दर्द की समस्या उत्पन्न होती है.

बेहोश होनाः

हमेशा टाइट व फिटिंग के कपड़े पहनने से घुटन होने लगती है, जिस की वजह से सांस लेने में दिक्कत होती है, हमें चक्कर आने लगता है और हम बेहोश हो जाते हैं.

पेट दर्दः

जब हम टाइट कपड़े पहनते हैं तो कपड़ा हमारे पेट पर चिपक जाता है, जिस की वजह से पेट पर प्रैशर पड़ता है और पेट दर्द होता है. यही नहीं टाइट जींस पाचन क्रिया को भी असंतुलित करती है, जिस से एसिडिटी व जलन होती है.

यीस्ट इंफैक्शन:

यह मुख्य रूप से उन स्थानों पर ज्यादा होता है जहां पसीना ज्यादा निकलता है और जो स्थान गरम होते हैं. टाइट जींस पहनने से शरीर को हवा नहीं लग पाती, जिस के कारण शरीर में यीस्ट का प्रोडक्शन बढ़ जाता है. इस में खुजली, जलन व दर्द होती है. अगर इसे अनदेखा किया जाए तो खतरनाक हो सकता है.

शरीर में दर्द:

टाइट जींस थाई की नर्व्स को कौंप्रैस करती है, जिस से झनझनाहट, सुन्न व जलन महसूस होता है. इस से सिरदर्द, शरीर दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं टाइट जींस पहनने से उठनेबैठने की समस्या भी होती है और बौडी का पौयश्चर बिगड़ने लगता है.

थकान महसूस होनाः

जब हम टाइट जींस पहनते हैं तो बहुत जल्दी थक जाते हैं, जिस का असर हमारे काम पर पड़ता है. तब सोचते हैं कि काश औफिस में नाइट ड्रैस पहनने की आजादी होती इसलिए अगर आप को भी ऐसा लगता है तो कुछ दिन ढीले कपड़े पहन कर देखिए, आप को फर्क खुद पता चल जाएगा.

फंगनल व बैक्टीरियल इंफैक्शन का खतराः

टाइट जींस की वजह से फंगनल और बैक्टीरियल इंफैक्शन का खतरा बढ़ जाता है. इस से त्वचा पर लाल दाने निकल जाते हैं, रेशैज आ जाते हैं.

जींस के अलावा भी हैं कई आउटफिट:

केवल टाइट व स्किनी जींस ही हमें बीमार नहीं करती बल्कि ऐसे और भी कई कपड़े हैं जिन का हैल्थ पर इफैक्ट पड़ता है, उन में से एक है शेपवियर. शेपवियर भले ही शरीर के एक्स्ट्रा फैट को छुपा कर स्लिम दिखाते हैं लेकिन इस से और्गन पर प्रभाव पड़ता है. शेपवियर के अलावा टाइट ब्रा, पैंटी, फिटिंग की टीशर्ट, टाइट बैल्ट, हाई हील का भी असर पड़ता है.

लड़कों पर भी पड़ता है इफैक्टः

टाइट जींस का असर केवल लड़कियों पर ही नहीं पड़ता बल्कि लड़कों पर भी पड़ता है. टाइट जींस से उन की प्रजनन क्षमता कम होने लगती है. जांघ के आसपास ज्यादा दबाव व ताप बढ़ता है जिस से खून के संचार में रुकावट आती है. इतना ही नहीं टाइट टाई और छोटी कौलर के शर्ट व टीशर्ट से मस्तिष्क तक खून का प्रभाव रुक सकता है, जिस से नजर का धुंधलापन कानों में झनझनाहट और माइगे्रेन की शिकायत होती है.

किन बातों का ध्यान रखें

– जींस का चुनाव करते समय फैब्रिक का ध्यान रखें. यह जरूर देख लें कि फैब्रिक बहुत ज्यादा मोटा ना हो, क्योंकि फैब्रिक का त्वचा पर प्रभाव पड़ता है.

– कपड़े अच्छी तरह से धूप में सुखाएं, क्योंकि कई बार नमी की वजह से बैक्टीरिया उत्पन्न होते हैं.

– अगर आप को बहुत ज्यादा भागदौड़ करना है, घूमना है तो गरमी में टाइट जींस का प्रयोग कम करें.

– धोते समय साबुन व सिर्फ अच्छी तरह से निकालें ताकि त्वचा को संक्रमण से बचाया जा सकें.

– हम जींस को कई बार पहनने के बाद धोते हैं. ऐसा ना करें बल्कि 3-4 बार पहनने के बाद ही धो दें.

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