आहार का सेहत पर बहुत असर पड़ता है. आप जो भी खाते हैं उस का सीधा प्रभाव आप की सेहत पर पड़ता है. ऐसे में जरूरी हो जाता है कि आप का आहार संतुलित हो. यह कहना है श्रीबालाजी ऐक्शन मैडिकल इंस्टिट्यूट की चीफ न्यूट्रिशनिस्ट डा. प्रिया शर्मा का. आहार के मामले में आमतौर पर हमारी आदत अनियमित होती है, जिस का हमारी सेहत पर बुरा असर पड़ता है. सेहत के अनुसार हर इंसान के खानपान की जरूरतें अलग होती हैं.

इस के अलावा आहार में आप कितनी कैलोरी ले रहे हैं यह जानना भी बेहद जरूरी होता है. कैलोरी एक प्रकार की ऊर्जा है, जो शरीर की किसी भी गतिविधि को पूरा करने के लिए आवश्यक होती है. यदि हम भोजन में सही मात्रा में कैलोरी नहीं ले रहे हैं तो वह भोजन हमें कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त करता है.

आजकल न सिर्फ बड़ों में बल्कि छोटेछोटे बच्चों में भी कई ऐसी बीमारियां देखने को मिल रही हैं, जो अधिक उम्र वाले व्यक्ति में देखने को मिलती हैं. जैसे मोटापा या ओबेसिटी किशोरों में काफी देखने को मिल रही है. यह समस्या पिछले कई वर्षों से एक महामारी के रूप में उभर कर आई है. मोटापा कई बीमारियों को न्योता देता है जैसे डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रौल आदि जो बच्चों के लिए बेहद खतरनाक हैं.

ये भी पढ़ें- Nutrition Special: बढ़ते बच्चों की सही ग्रोथ के लिए जरुरी हैं ये 15

किशोरावस्था जिस में बच्चों को ऊर्जा और बहुत सारे पोषक तत्त्वों की जरूरत होती है, क्योंकि वे अभी भी बढ़ रहे हैं. इस उम्र में बच्चों का विकास तेजी से होता है और उन्हें पौष्टिक व संतुलित आहार की बहुत जरूरत होती है. किशोरों में मोटापा एक बड़ी समस्या बना हुआ है. इसलिए आहार में संतुलित मात्रा में जरूरी कैलोरी का होना भी बहुत आवश्यक है.

ज्यादातर इस उम्र के बच्चों और युवाओं में जंक फूड जैसे पिज्जा, बर्गर, पास्ता, नूडल्स आदि खाने की रुचि होती है. परंतु यही सब कारण होते हैं मोटापे और उस से जुड़ी अन्य बीमारियों के. इस के अलावा बिगड़ी हुई दिनचर्या और जीवनशैली भी कई समस्याएं पैदा करती है.

कितनी कैलोरी लें

किशोरावस्था में बच्चे कई  प्रकार के शारीरिक विकास और परिवर्तन का अनुभव करते हैं और इस परिवर्तन के समय किशोरों को प्रतिदिन एक स्वस्थ आहार का पालन करना चाहिए. किशोरों को प्रतिदिन कितनी कैलोरी लेनी चाहिए यह उन की उम्र, लिंग और शारीरिक गतिविधि के स्तर पर निर्भर करता है. सब को अलगअलग मात्रा में कैलोरी की जरूरत होती है जैसे : किशोरियों को 1,600 से 2,000 कैलारी की जरूरत होती है व किशोरों को 1,800 से 2,200 कैलोरी की.

ये भी पढ़ें- Nutrition Spl: जानें किन चीजों से मिलता है बॉडी को आयरन- भाग 2

क्या खाएं

1- अनाज : प्रतिदिन किशोरियां 5 से 6 आउंस और किशोर 6 से 8 आउंस तक साबुत अनाज से बना भोजन खाएं. ज्यादातर खाने में साबुत अनाज लें जैसे गेहूं से बना पास्ता, ब्राउन राइस, ओटमील, जौ आदि.

2- सब्जियां :  अलग रंगों और किस्मों की सब्जियां रोज खाएं, जिस में किशोरियां ढाई कप और किशोर ढाई से 3 कप ले सकते हैं.

3- फल : ज्यादा किस्मों के फल खाएं.

4-  दूध : दूध से बनी चीजें जैसे दही, चीज आदि ले सकते हैं, लेकिन ये सभी फैटफ्री हों और इन सभी में कैल्शियम की मात्रा ज्यादा होनी चाहिए. किशोरावस्था में लड़कियों और लड़कों दोनों को 3 कप के अनुसार दूध या दूध की बनी चीजों का सेवन करना चाहिए.

ये भी पढ़ें- Nutrition Special: टीनएज गर्ल्स को आयरन की कमी से हो सकते हैं ये

5-  मांस और बींस :  हर हफ्ते 2 मछली/समुद्री भोजन, पकी हुई मछली आदि का सेवन कर सकते हैं. किशोरियों को 5 आउंस तक और किशोरों को 5.5-6.5 आउंस तक मांस और बींस खाना चाहिए.

युवावस्था में आहार

युवावस्था यानी (20-28) वर्ष की उम्र ऐसी अवस्था है जब सब से ज्यादा विटामिन, कैलोरी, मिनरल्स और प्रोटीन की जरूरत होती है. पीएसआरआई हौस्पिटल की सीनियर डायटीशियन डा. पूजा शर्मा के अनुसार युवावस्था में संतुलित भोजन में अनाज और अंकुरित चने, दालें इत्यादि शामिल करनी चाहिए. आमतौर पर युवा जंकफूड के शौकीन होते हैं, लेकिन अच्छी सेहत के लिए जंकफूड को छोड़ना या कम करना होगा.

किस में कितनी कैलोरी

अनाज : एक छोटी गेहूं की चपाती में 80 कैलोरी हैं, वहीं गेहूं के पास्ता में 174 व गेहूं से बनी ब्रैड में 247 कैलोरी होती हैं.

ये भी पढ़ें- Nutrition Special: साबुत अनाज, हेल्थ का राज

सब्जियां :  ज्यादा खाई जाने वाली सब्जियां जैसे आलू, प्याज, टमाटर आदि में क्रमानुसार प्रति 100 ग्राम में 77,40 व 18 कैलोरी होती हैं.

फल : फल जैसे सेब और केले में क्रमश: प्रति 100 ग्राम में 52 और 89 कैलोरी होती हैं.

दूध : प्रति 100 ग्राम दूध में 42 तक कैलोरी होती हैं.

मांस : प्रति 100 ग्राम मांस में 143 कैलोरी होती हैं.

औयल्स : मछली के तेल में (100 ग्राम तेल में) 902 कैलोरी होती हैं. वहीं वैजिटेबल औयल और औलिव औयल में 882 कैलोरी होती हैं.

टीनएजर्स व युवाओं के ओबेसिटी और मोटापे से जुड़ी अन्य समस्याओं से लड़ने में संतुलित आहार ही मदद कर सकता है.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...