दुनियाभर में कैंसर तेजी से बढ़ रहा है. जानकारों की माने तो इसके 90 फीसदी मामले मुंह और फेफड़े संबंधित होते हैं. कैंसर की तेजी से बढ़ रहे खतरे पर एक डौक्टर ने कहा कि जो मरीज उनके पास आते हैं उनमें 90 फीसदी मरीज तंबाकू के उपभोक्ता होते हैं. तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों को कम उम्र में ही कैंसर हो जाता है.

वहीं इस तरह के कैंसर के चपेट में महिलाएं भी हैं. इसका असर उनके जीवन पर तो होता ही है पर अगर कोई गर्भवती महिला धूम्रपान या धुआं रहित तंबाकू का सेवन करती है तो उनमें एनीमिया होने का खतरा 70 प्रतिशत अधिक हो जाता है. इससे बच्चे के जान का जोखिम भी बढ़ जाता है. महिलाओं में धुआं रहित तंबाकू उपयोगकर्ताओं में मुंह के कैंसर का खतरा पुरुषों की तुलना में 8 गुना अधिक होता है.

उन्होंने कहा कि इसी तरह धुआं रहित तंबाकू सेवन करने वाली महिलाओं में हृदय रोग का खतरा पुरुषों की तुलना में दो से चार गुना अधिक होता है. इस तरह की महिलाओं में पुरुषों की तुलना में मृत्युदर भी अधिक होती है.

लंबे समय से कैंसर पर काम कर रहे एक डौक्टर का कहना है कि धूम्र रहित तंबाकू के उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़ी है, क्योंकि पहले के तंबाकू विरोधी विज्ञापनों में सिगरेट और बीड़ी की तस्वीरें ही दिखाई जाती थी. लोगों में धारणा बन गई कि केवल सिगरेट और बीड़ी का सेवन ही हानिकारक है, इसलिए धीरे-धीरे धुआं रहित तंबाकू की खपत बढ़ गई.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...