औफिस के बिजी शैड्यूल व डैस्कवर्क ज्यादा करने के कारण अधिकांश युवा कम उम्र में ही डायबिटीज व मोटापे की गिरफ्त में आने लगते हैं साथ ही उन्हें थकान भी ज्यादा महसूस होने लगती है.
ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार युवाओं का अधिकांश समय औफिस में बीतता है और अगर बैठने का ही ज्यादा काम है, फिर तो 8 घंटे की जौब में 6-7 घंटे सिर्फ बैठेबैठे ही बीत जाते हैं. इस दौरान कोई शारीरिक व्यायाम नहीं होता, क्योंकि ब्रेक टाइम में युवा सिर्फ मौजमस्ती करना ज्यादा पसंद करते हैं और इस बीच जो मिला वही खा लिया, इस से जहां मोटापा बढ़ता है वहीं देर तक बैठे रहने वाले युवा जल्दी ही डायबिटीज की गिरफ्त में आ जाते हैं.
शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन किया, जिस में उन्होंने कई लोगों को शामिल किया, कुछ लोगों को ज्यादा शारीरिक व्यायाम करने की सलाह दी गई जबकि कुछ को बैठने का काम दिया गया. जिन्होंने ज्यादा शारीरिक व्यायाम किया उन का वजन कुछ हफ्ते में ही कम हो गया जबकि अन्य लोगों का न सिर्फ वजन बढ़ा बल्कि वे चुस्त भी नहीं दिखाई दिए.
इसलिए अधिकांश बैठ कर समय गुजारने वाले युवाओं को यही सलाह दी गई कि उन्हें बीचबीच में उठ कर घूमते रहना चाहिए, ताकि वे बीमारियों की गिरफ्त में न आएं.