अकसर लोग खानेपीने के मामले में बहुत लापरवाही बरतते हैं. तमाम लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें सुबह बिस्तर से उठने के बाद खाने का होश ही नहीं रहता है. रोजाना की व्यस्त जिंदगी में लोग सुबह जागते ही दफ्तर जाने की उधेड़बुन में इस कदर खो जाते हैं कि उन्हें भागतेभागते भी खाने की जरा भी फिक्र नहीं रहती. जैसेतैसे नहाओ, कपड़े पहनो, बैग समेटो और दफ्तर के लिए निकल पड़ो. दोपहर के खाने का डब्बा तो लोग रख लेते हैं, पर चलते वक्त खाने पर तवज्जुह नहीं देते, मगर ऐसा करना सेहत के लिहाज से बहुत घातक है. कुछ लोग सुबह के खानपान का पूरा खयाल रखते हैं, मगर ज्यादातर लोग काम की जल्दबाजी में नाश्ता ही नहीं करते या दोचार कौर खा कर महज खानापूर्ति भर कर लेते हैं. इस मामले में हमारे पड़ोस की एक माताजी आदर्श कही जा सकती हैं. 90 साल उम्र में भी उन्हें सुबह उठने के बाद 8 बजे से पहले ही भरपूर नाश्ते की दरकार रहती है. वे अकेली रहती हैं, मगर अपने दम पर परांठे, सब्जी व चाय वगैरह बना कर रोजाना बाकायदा नाश्ता करती हैं. पूजापाठ जैसी चीजें नाश्ते के बाद ही उन की दिनचर्या में शामिल होती हैं.

खैर, इन माताजी जैसी पोजीशन सभी की नहीं होती. माताजी को कौन सा दफ्तर भागना होता है. उन्हें ठीकठाक सरकारी पेंशन मिलती है, जिस का वे दिनभर खापी कर सही इस्तेमाल करती हैं. सुबह का नाश्ता, लंच, शाम का चायनाश्ता और फिर डिनर तक उन का दैनिक कार्यक्रम चलता रहता है. शायद इसीलिए इस उम्र में भी वे खासी हट्टीकट्टी हैं.

बहरहाल, बात सुबह के नाश्ते की अहमियत की थी, तो वाकई यह बेहद जरूरी होता है. ढंग से ब्रेकफास्ट यानी सुबह का नाश्ता न करने वाले जानेअनजाने में अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ करते हैं. दरअसल, ब्रेकफास्ट किसी भी व्यक्ति को दिनभर फिट रहने में मदद करता है. ज्यादातर लोग रात को सोने से 2-3 घंटे पहले रात का खाना खाते हैं और फिर 6,7 या 8 घंटे की नींद लेते हैं. सुबह जागने के बाद नाश्ते की नौबत आतेआते 1-2 घंटे बीत जाते हैं. तब शरीर को एनर्जी की जरूरत होती है, जिस के लिए ठोस नाश्ता करना जरूरी होता है.

अगर सुबह का नाश्ता न किया जाए तो शरीर को दिन भर काम करने के लिए ऊर्जा नहीं मिल पाती. ऐसी हालत में शरीर रिजर्व एनर्जी से गुजारा करना शुरू कर देता है. ऐसी हालत में थकावट का एहसास होने लगता है. देर तक खाली पेट रहने से गैस बनने लगती है और हाजमा भी खराब हो जाता है.7 कई लोग ऐसे भी होते हैं, जो नाश्ता तो गोल कर जाते हैं यानी खाली चाय पी कर काम चला लेते हैं, पर दोपहर में लंच डट कर करते हैं. ऐसे लोग अकसर फैट की समस्या के शिकार हो जाते हैं. डाक्टरों का कहना है कि दिन भर की कुल कैलोरी का तिहाई भाग सुबह के नाश्ते में मिलना चाहिए. अगर दिन भर में करीब 2000 कैलोरी की शरीर को जरूरत है, तो करीब 700 कैलोरी ब्रेकफास्ट से मिलनी चाहिए. इसीलिए रोजाना पौष्टिक तत्त्वों से भरपूर ताजा नाश्ता सुबहसुबह जरूरी होता है, ताकि दिनभर काम करने की कूवत बनी रहे.

संतुलित ब्रेकफास्ट इनसान को पूरे दिन हर वक्त चुस्तदुरुस्त रखता है. ब्रेकफास्ट की आदत दिल के मरीजों, शुगर के मरीजों और ब्लडप्रेशर के मरीजों के लिए भी कारगर साबित होती है. बच्चों, बूढ़ों और जवानों यानी सभी के लिए ब्रेकफास्ट जरूरी होता है. अकसर स्कूल की बस छूट जाने के चक्कर में बच्चे ढंग से नाश्ता नहीं करते, पर ऐसा बहुत नुकसानदायक साबित होता है. दिन भर ऐसे बच्चे थकान के शिकार रहते हैं, वे अपनी पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान नहीं लगा पाते. टीचरों को भी उन से शिकायत रहती है. यही हाल बगैर नाश्ता किए आफिस जाने वालों का भी होता है. वे पूरे मनोयोग से अपना काम नहीं कर पाते हैं और अकसर सीटों पर ऊंघते रहते हैं. ऐसे कर्मचारियों को जबतब बौस की फटकार सुननी पड़ती है.

कई कर्मठ नस्ल के बुजुर्ग भी जल्दी नाश्ता न करना अपनी शान समझते हैं. वे कहते हैं कि उन्होंने असली देशी घी खाया है और उन की बूढ़ी हड्डियों में बहुत दम है. ऐसी डायलागबाजी कर के वे सही तरीके से नाश्ता नहीं करते. मगर ऐसे जिद्दी किस्म के बुजुर्ग भी धीरेधीरे खाट पकड़ लेते हैं और घर वालों को परेशान करते हैं. मगर मुद्दे की बात यही है कि सुबह का नाश्ता यानी ब्रेकफास्ट दिन भर का सब से अहम खाना या खुराक है. रात भर के लंबे फास्ट यानी व्रत को ब्रेक करने यानी तोड़ने के लिए बने ब्रेकफास्ट की अहमियत समझना सभी के लिए बहुत जरूरी है.

ब्रेकफास्ट में क्या खाएं

ब्रेकफास्ट कब करें और उस में क्याक्या चीजें शामिल करें, यह बात काफी अहम है. जहां तक कब की बात है तो सुबह उठने के 2 घंटे के अंदर ब्रेकफास्ट कर लेना चाहिए. मोटे तौर पर अगर सुबह उठने का टाइम 6 बजे है, तो 8 बजे तक ब्रेकफास्ट निबट जाना चाहिए. ब्रेकफास्ट में ऐसी चीजें शामिल करनी चाहिए, जिन में कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, फाइबर और विटामिन वगैरह भरपूर मात्रा में हो. घीतेल, चीनी और मक्खन से भरपूर चीजें सुबह के नाश्ते के लिए मुनासिब नहीं होतीं. लंच या डिनर में भी तलीभुनी या मसालेदार चीजें ज्यादा लेना सही नहीं रहता. इन से सेहत संबंधी तमाम दिक्कतें पैदा हो जाती हैं.

सुबह के नाश्ते में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन व फैट सही मात्रा में शामिल होने चाहिए. ताजे फलों का जूस, नारियल पानी, अंकुरित अनाज, कार्नफ्लैक्स और दलिया जैसी चीजें ब्रेकफास्ट के लिहाज से अच्छी होती हैं. अगर परांठे खाने का मन हो, तो आलू के परांठों के बजाय कम?घी वाले मेथी के परांठे खाएं. दूध, पनीर, अंडा व ताजे फल भी सुबह के नाश्ते के लिहाज से अच्छे होते?हैं. सिर्फ चायटोस्ट जैसा नाश्ता पर्याप्त नहीं कहा जा सकता. कुछ लोग काफी के साथ थोड़े से बिस्कुट खा कर नाश्ते की खानापूरी कर लेते हैं, पर यह ठीक नहीं है.

अगर ब्रेडमक्खन खाने की इच्छा हो, तो आटे वाले ब्रेड के साथ घर का बना सफेद मक्खन इस्तेमाल करें. मीठा खाने का मन हो तो रिफाइंड शुगर की बजाय गुड़ का इस्तेमाल करें. डोसा, पोहा, उपमा, सांबर, दाल, सोया, जई, ओट्स मील, लो फैट दूध, लो फैट दही, लस्सी और फलों को सुबह के नाश्ते में शमिल किया जा सकता है. चिकनाईयुक्त मीट, आमलेट, फ्रेंच टोस्ट, फ्राइड चावल, मलाई, पेस्ट्री व डब्बाबंद फलों को ब्रेकफास्ट में खाना मुनासिब नहीं रहता है.

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