क्या आप की छोटीछोटी आदतें दूसरों को नाराज कर देती हैं, आप माहौल को खुशनुमा बनाने के बजाय मुंह फुला कर बैठ जाती हैं या जब सब इंजौय करते हैं तब सेंटर औफ अटै्रक्शन बनने के लिए एक कोने में चली जाती हैं तो अपनी इन आदतों को बदल दीजिए क्योंकि आप अपनी इन आदतों से न सिर्फ मजा किरकिरा करती हैं बल्कि अपने लिए स्ट्रैस और डिप्रेशन जैसी बिमारियों को भी न्यौता देती हैं.

जी हां ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी औफ लिवरपुल के द्वारा किए शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि अच्छी यादें व्यक्ति के मस्तिष्क में पौजिटिव एनर्जी लाती हैं जोकि हर तरह की चिंता या डिप्रेशन जैसी विकारों से आप को बचाती हैं. इस शोध में शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को मापने के लिए ब्रौड माइंडेड इफेक्टिव कोपिंग (बीएमएसी) तकनीक का इस्तेमाल किया है. बीएमएसी एक तकनीकी हस्तक्षेप है जो पौजिटिव यादों की मानसिक कल्पना के माध्यम से सकारात्मक प्रभाव या भावनाओं को प्रकाशित करता है.

क्यों जरूरी हैं अच्छी यादें

मनोवैज्ञानिक रिपन सिप्पी के अनुसार हमारा अतीत हमारे आज को प्रभावित करता है. अगर यादें अच्छी नहीं हैं तो हमारे आज पर असर डालती हैं. हम बारबार याद कर के उदास होते हैं, जिस की वजह से हमारे अंदर नकारात्मक भाव आते हैं, लेकिन अगर अच्छी यादें हैं तो सुरक्षित महसूस करते हैं और याद कर के खुश होते हैं.

दरअसल हम जो सोचते हैं हमारे मस्तिष्क पर वही बात असर डालती है. अगर हम अच्छा करते हैं तो हमारे अंदर अच्छे भाव आते हैं. एक कहावत है कि हम जो देंगे हमें वही मिलेगा. ठीक इसी प्रकार हम अच्छी चीजें करेंगे तो हमारी यादें भी अच्छी बनेंगी, जिस से हमें पौजिटिव एनर्जी मिलेगी. अब आप सोच रहे होंगे कि भला यादों को कैसे अच्छा किया जा सकता है, तो टेंशन न लें. ये कुछ छोटीछोटी चीजें हैं जिस से आप अपनी यादों को खूबसूरत बना सकते हैं और खुश रह सकते हैं.

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