साफ और ताजी हवा के लिए हाहाकार मचा हुआ है. देश का हर महानगर और हर बड़ा शहर प्रदूषण की जबरदस्त मार झेल रहे हैं. दिल्ली में पसरे प्रदूषण की बदनामी पूरी दुनिया भर में फैल चुकी है. औड-इवेन का तमाशा भी दुनिया देख रही है. सुप्रीम कोर्ट भी सख्ती दिखा चुका है. पुरानी और डिजेल गाडि़यों को सड़क से उठा लेने की ताकीद भी कोर्ट कर चुका है. लेकिन प्रदूषण की मात्रा है कि घटने का नाम ही नहीं ले रही है. इन दिनों प्रदूषण के मामले में भारत-चीन भाई-भाई बने हुए हैं. दुनिया भर में प्रदूषण के वैज्ञानिक पैमाने में भारत और चीन खतरे के लाल निशान को कब का पार कर चुके हैं. जिस तरह दिल्ली और इसके आसपास की हवा सांस लेने लायक नहीं रह गयी है, उसी तरह बेंजिंग की हवा भी दमघोंटु हो गयी है. कहते हैं कि दिल्ली और चीन में प्रदूषण की मात्रा लगभग एक बराबर है.

वारूटलिटी एयर नाम की कनाडा की एक कंपनी चीन में भी बोतलबंद स्वच्छ हवा की सप्लाई कर रही है. बोतलबंद ताजा हवा. सुनने में जरा अटपटा लगता है. वैसे पहली बार जब बोतलबंद पानी बाजार में आया था, तब शुरूआत में लोगों ने यह कहते हुए इसे हल्के में लिया था कि जब नलके से पानी आता है तो बोतलबंद पानी की क्या जरूरत? पर आज यह वास्तविक सच्चाई है. लोग नलके के पानी के बजाए बोतलबंद पानी का ज्यादा भरोसा करने लगे हैं. यह कितना विशुद्ध होता है, यह अलग से बहस का विषय है.

कंपनी का ओवरसीज कारोबार चीन से ही शुरू हुआ. चीन में कंपनी ने पहलेपहल महज 500 बोतल की सप्लाई की थी, जो कि इतना सफल रहा कि एक हफ्ता के भीतर 4000 बोतल की सप्लाई की मांग आयी. इसके बाद तो कंपनी चीन में दमखम के साथ सफल हो गयी.

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