मुंबई के 55 साल के राजेश के सीने में दर्द की शिकायत हुई पहले उन्हें लगा कि उनके पेट में गैस हुआ है, दवाई ली, लेकिन आराम नहीं. इसके बाद उन्होंनेडॉक्टर की सलाह ली, डॉक्टर ने अस्पताल जाने की सलाह दी, क्योंकि उन्हें दिल का दौरा पड़ा था. जांच से पता चला कि उनके हार्ट की धमनियों में खून का बहाव सही तरह से नहीं हो पा रहा है और उनके हार्ट में कई ब्लॉकेज है, गहन जांच के बाद जानकारी मिली कि उनके दिल की धमनियों में कैल्शियम की डिपोजिट हुआ है. उनका एंजियोप्लास्टी किया गया, जिसका खर्चा 3 लाख रुपये से कुछ अधिक था, हालांकि कंपनी से उनके नाम का इंश्योरेंस था,

इसलिए उन्हें पैसे की कोई समस्या नहीं हुई. इसके बाद से उन्हें कोई शिकायत नहीं है, केवल कुछ दवाइयों के सेवन के साथ वे एक अच्छी जिंदगी पिछले 5 साल से गुजार रहे है. इसके अलावा कुछ लोग आजकल व्हाट्सएप और टीवी पर आये विज्ञापनों से भी प्रभावित होकर डॉक्टर की बिना सलाह लिए दवाइयां लेने लगते है, उन्हें लगता है कि विटामिन की कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होती, जबकि विटामिन्स भी जरुरत के आधार पर ही लिया जाना चाहिए.

चालीस साल की उमा भी टीवी पर एक प्रोग्राम देखने के बाद कैल्शियम सप्लीमेंट्स लेना शुरू कर दिया था, लेकिन उन्होंने उसे लेना बंद कर दिया, क्योंकि उनकी दोस्त ने उन्हें एक व्हाट्सअप मेसेज भेजा कि कैल्शियम सप्लीमेंट्स लेने से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. इस डर को दूर करते हुए डॉक्टर ने सुझाव दिया कि कैल्शियम सप्लीमेंट लेने से रक्त में कैल्शियम की मात्रा का सीधा संबंध हृदय रोग से है
या नहीं, इस बात का अभी तक शोध नहीं हो पाया है, लेकिन किसी भी दवाई को जरुरत के अनुसार ही लेने से स्वास्थ्य ठीक रहता है और इसके लिए जांच जरुरी है.

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