हमारे पैर सीधे तौर पर हमारे शरीर के सबसे ज्‍यादा काम करने वाले अंग हैं। इस तथ्‍य को ध्‍यान में रखते हुए कि हम कई कामों के लिये अपने पैरों पर निर्भर हैं, इसमें कोई आश्‍चर्य नहीं होना चाहिये कि जीवन में हमारे पैरों को कई तरह की समस्‍याएं भी हो सकती हैं। पैरों की साधारण-सी लगने वाली समस्‍याओं को भी अगर हल्‍के में लिया जाए, तो हमारा जीवन असहज हो सकता है।

इंडिया फास्टेस्ट ग्रोइंग फुटवेयर स्टार्टअप, योहो फुटवियर कंपनी में कंसल्‍टेन्‍ट डॉ. अक्षत मित्‍तल का कहना है कि- पैरों की नियमित और मूलभूत देखभाल करे, जैसे कि सही प्रकार और आकार के जूते चुनना, पैरों को मॉइश्‍चराइज करना और नाखूनों को सावधानी से काटना हमारे पैरों को लंबे समय तक स्‍वस्‍थ और खुश रख सकते हैं।

गर्भावस्‍था में पैरों की समस्‍याएं-
इसके साथ ही, गर्भावस्‍था से सम्‍बंधित पैरों की समस्‍याएं ज्‍यादा दर्द दे सकती हैं और हो सकता है कि विशेष देखभाल की जरूरत पड़े। गर्भावस्‍था के दौरान महिला का शरीर शिशु की आवश्‍यकताएं पूरी करने के लिये लगभग 50% ज्‍यादा खून और तरल बनाता है, जिससे अक्‍सर पैरों, टखनों और टांगों में सूजन आ जाती है। इसके अलावा, गर्भावस्‍था के दौरान महिला का औसतन 10-12 किलोग्राम वजन बढ़ जाता है, वह भी शिशु के वजन के अलावा, जिससे खून को पेडू से हृदय की ओर वापस ले जानी वाली नसों पर दबाव पड़ता है, खून का संचार बाधित होता है और सूजन आती है। गर्भवती माताओं को फुटवियर चुनते वक्‍त सावधानी रखनी चाहिये, जैसे कि वे कम्‍फर्ट वाले हों, हल्‍के वजन के हों, साथ ही हमें सही आकार और फिटिंग का ध्‍यान रखना चाहिये। ज्‍यादातर महिलाएं वही फुटवियर पहनना जारी रखती हैं, जो वे गर्भधारण के पहले पहनती थीं और हो सकता है कि इससे गर्भावस्‍था के दौरान जरूरी सपोर्ट और कुशनिंग न मिले।

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