ज्यादातर महिलाएं बाहरी कपड़ों को ले कर तो बहुत सजग रहती हैं, पर अंदरूनी कपड़ों पर ध्यान नहीं देती हैं, जबकि ये भी उन के वार्डरोब का अहम हिस्सा हैं, जिन की ओर पूरा ध्यान दिया जाना अतिआवश्यक है वरना आप कई दुष्प्रभावों का शिकार हो सकती हैं. अत: जब भी इनवियर, खासतौर पर पैंटी खरीदें, निम्न बातों का ध्यान जरूर रखें:

पैंटी सूती कपड़े की ही लें:

सूती कपड़ा त्वचा के लिए सब से अधिक स्वास्थ्यवर्धक होता है. अत: पैंटी जैसे अंदरूनी वस्त्र के लिए सूती ही चुनें. हालांकि सिल्क या सिंथैटिक कपड़े की पैंटी अधिक सैक्सी लगती है. किंतु ऐसी पैंटी हवा को आरपार नहीं जाने देती है, जिस से त्वचा रोग व इन्फैक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है. यदि सिंथैटिक कपड़े की पैंटी खरीदनी ही हो तो उसे खरीदें, जिस के अंदर की लाइनिंग सूती कपड़े की हो.

सही नाप पर ध्यान दें:

पैंटी बड़ी होने के कारण झूलती हो तो दिक्कत और यदि बहुत तंग हो तो और भी दिक्कत यानी ढीली पैंटी चलनेफिरने में परेशानी करती है, तो तंग पैंटी में हवा आरपार नहीं होती है. साथ ही त्वचा में रगड़न की भी परेशानी हो सकती है. पैंटी का साइज अपनी ब्रा के साइज से बड़ा रखना चाहिए.

रंगबिरंगी पैंटी कम पहनें:

रंगबिरंगी पैंटी आकर्षक अवश्य लगती है, मगर डा. मोंटगोमरी के अनुसार कपड़े का रंग मुलायम त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है खासकर यदि त्वचा संवेदनशील हो. इसलिए सफेद पैंटी ही सर्वोत्तम है.

शेपवियर ज्यादा समय न पहनें:

पतली कमर और सुडौल शरीर के आकर्षण में महिलाएं शेपवियर पहन तो लेती हैं पर क्या उन्होंने इस तरफ ध्यान दिया कि इसे कितनी देर तक पहनना उचित है? डा. श्वेता के अनुसार ज्यादा देर तक शेपवियर पहनने से शरीर को दिक्कतें आ सकती हैं. शेपवियर शरीर के मांस को दबा कर रखता है. बहुत देर तक ऐसा करने से पित्त, अम्ल प्रतिवाह आदि समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए कभीकभी ही पहनें और ज्यादा देर तक न पहनें.

वर्कआउट के समय:

व्यायाम करते समय भी ध्यान दें कि आप की पैंटी कैसी हो. गलत कपड़े की या तंग नाप की पैंटी आप का पसीना सोखने में असमर्थ रहेगी जिस से बैक्टीरिया पनपने की संभावना रहेगी. इसलिए पैंटी के चयन पर खास ध्यान दें.

ऐसे ही व्यायाम के बाद पैंटी बदलने का भी पूरा ध्यान रखें. पैंटी में सोखे गए पसीने का जल्दी सूख पाना संभव नहीं होता है. ऐसे में उसे देर तक पहने रखने से त्वचा में लाल चकत्ते आदि हो सकते हैं. अत: व्यायाम के बाद पैंटी बदल लें ताकि त्वचा सांस ले सके.

स्त्रीरोग विशेषज्ञों की राय

डा. मोनिका जैन सुझाती हैं कि महिलाओं को पैंटी धोते समय यह भी ध्यान रखना चाहिए कि यदि उस में थोड़ाबहुत श्वेत प्रदर लगा है तो चिंता की बात नहीं पर यदि उस में बदबू भी है या वह गाढ़ा है या आप को रक्तस्राव लगा भी दिखता है तो फौरन स्त्रीरोग विशेषज्ञा से अपनी जांच करवाएं.

क्लीवलैंड क्लीनिक की डा. पिलिआंग पैंटी को धोते समय इस्तेमाल होने वाले डिटर्जेंट के बारे में आगाह करती हैं कि डिटजैंट बिना खुशबू और रंग का होना चाहिए. उस में डाई भी नहीं होनी चाहिए ताकि त्वचा को ऐलर्जी का खतरा न हो.

ध्यान देने योग्य बातें

सोते समय पैंटी न पहनें:

जिन महिलाओं को सारा दिन बंधे कपड़ों में बिताना पड़ता है, उन्हें रात को सोते समय पैंटी नहीं पहननी चाहिए. इस का कारण है कि सारा दिन नमी में रहने की वजह से इन्फैक्शन या जलन होना आम बात है. मिशिगन स्टेट विश्वविद्यालय की डा. नैंसी हरता का कहना है कि थोड़ीबहुत हवा उस हिस्से को सूखा रखने के लिए बहुत जरूरी है. कुछ दिन बिना पैंटी के सो कर देखें. आप को स्वयं फर्क लगने लगेगा.

दिन में पैंटी न पहनी तो:

कुछ महिलाएं पैंटी पहनती ही नहीं हैं. ऐसा करना भी उचित नहीं है, क्योंकि ऐसा करने से कूल्हों का मांस लटक कर अपनी असली शेप खोने लगता है. पैंटी से कूल्हों का मांस बंधा रहता है, शेप बनी रहती है. पैंटी न पहनने के कारण कपड़ों से रगड़ खा कर दाने भी हो सकते हैं.

कब बदलें पैंटी:

हर मौसम के साथ बदलते फैशन में रंग कर महिलाएं फटाफट अपने कपड़े, जूते आदि तो बदल लेती हैं, पर पैंटी की तरफ ध्यान नहीं देती हैं. यह सोच कर पुरानी पैंटी से ही काम चलाती रहती है कि पैंटी को भला कौन देखता है. यह बात तो सही है पर साथ ही यह भी सच है कि पुरानी ढीलीढाली पैंटी पहनने पर बेहद परेशानी भी होती है. कभी जगह से सरक जाती है. फिर सब की नजरें बचाते हुए वापस जगह पर लाना मुश्किल होता है. इसलिए थोड़ी कंजूसी कम दिखाएं और पैंटी का इलास्टिक खराब होते ही नई पैंटी खरीद लें.

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