कोरोना से लगे लौकडाउन की वजह से लोगों को वर्क फ्रौम होम की आदत लग गई है. वर्क फ्रौम होम की वजह से काफी लोगों को अधिक से अधिक समय लैपटौप या कंप्यूटर पर बिताना पड़ रहा है. वे अपना ज्यादातर समय मोबाइल फोन या टीवी के स्क्रीन देखते हुए बिताते हैं. इस वजह से आंखों में जलन या खुजली जैसी परेशानी लोगों में दिख रही है. सिर्फ बड़े ही नहीं, बल्कि वे बच्चे भी इस से प्रभावित हो रहे हैं जो ज्यादा देर तक टैबलेट्स पर वक्त बिताते हैं या स्कूल से जुड़े कामों के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं.

दिल्ली स्थित अपोलो स्पैक्ट्रा हौस्पिटल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. कार्तिकेय संगल कहते हैं, ‘‘कंप्यूटर विजन सिंड्रोम आंखों से जुड़ी एक समस्या है, जो घंटों लगातार लैपटौप, टीवी या कंप्यूटर के सामने बैठने से होती है. पिछले कुछ महीनों से आंखों की समस्या बढ़ती दिखाई दे रही है. समय रहते इलाज होना जरूरी है, नहीं तो दृष्टि की समस्या हो सकती है.’’

सिंड्रोम के लक्षण

कंप्यूटर ज्यादा देर तक लगातार इस्तेमाल करने से आंखों को एक अवधि के बाद नुकसान पहुंचता है. इस का कोई प्रमाण फिलहाल उपलब्ध नहीं है, लेकिन रोज 8 से 10 घंटे लगातार कंप्यूटर स्क्रीन पर काम करने से आंखों पर काफी दबाव पड़ता है, जिस से परेशानी महसूस हो सकती है और वह परेशानी कंप्यूटर विजन सिंड्रोम होते हैं. इस के लक्षण निम्न हैं-

1. धुंधला नजर आना

2. चीजें डबल नजर आना

3. आंखें लाल होना

4. आंखों में खुजली

5. सिरदर्द

6. गरदन या पीठ में दर्द आदि.

डाक्टरों का मानना है कि आजकल लोगों की नौकरी ज्यादातर 12 घंटे कंप्यूटर या लैपटौप पर काम करने की होती है. जब आप किताब पढ़ते हैं तो आप 30 से 40 मिनट में उठते हैं और इधरउधर जाते हैं, मगर कंप्यूटर पर काम करने के दौरान ऐसा नहीं कर पाते. लोग लगातार घंटों नहीं उठते. इस से ही कंप्यूटर विजन सिंड्रोम अस्तित्व में आया है. इस में आंखों का सूखना, आंखों का लाल होना, आंखों से पानी निकलना और मांसपेशियों का कमजोर होना आदि परेशानियां शामिल होती हैं.

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