आप ने सुना होगा ‘हैल्थ इज वैल्थ’. अच्छी हैल्थ के लिए अच्छा न्यूट्रीशन यानी पोषण बहुत जरूरी है. पोषण के लिए संतुलित आहार होना जरूरी है. इस का अर्थ यह है कि हर व्यक्ति को भोजन के सभी न्यूट्रीशंस पर्याप्त मात्रा में मिल सकें ताकि शरीर स्वस्थ रहे. यह तभी हो सकता है जब शरीर को स्वस्थ रखने वाले जरूरी न्यूट्रीशंस का सेवन किया जाए जो इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत कर बीमारियों से लड़ सके.

बात भारत की हो, तो देश में लोगों के भोजन की थाली से न्यूट्रीशंस नदारद रहते हैं. महिलाएं, खासकर, इस की कमी से ज्यादा जूझती हैं. मालूम हो कि न्यूट्रीशन के कारण ही शरीर का विकास होता है. न्यूट्रीशंस से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी बढ़ती है और साथ ही मेटाबौलिक समस्याएं, जैसे डायबिटीज की समस्या और हार्ट संबंधित समस्याओं के खतरे को कम करने में मदद मिलती है.

अकसर भारत में महिलाओं में न्यूट्रीशंस की कमी होने का बड़ा कारण कम व असंतुलित खाना यानी बचाखुचा बासी खाना खाना है. इस को ले कर मल्टीविटामिन सेंट्रम ब्रैंड हैलोन की टीम ने ‘नो योर माइंड’ कैंपेन चलाया. इस अभियान में महिलाओं में न्यूट्रीशन की दैनिक जरूरत और स्वास्थ्य के लिए जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया गया, ताकि भारतीयों में माइक्रोन्यूट्रीएंट की स्थिति में सुधार लाया जा सके.

हैलोन का मानना था कि परिवारों और समुदायों का स्वास्थ्य महिलाओं पर निर्भर है लेकिन महिलाएं ही हैं जिन का स्वास्थ्य कमजोर रहता है. इस सर्वे के अनुसार, कमजोर हड्डी का स्वास्थ्य, अपर्याप्त रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता और कम ताकत का स्तर का होना भारतीय महिलाओं में मुख्य स्वास्थ्य समस्याएं हैं.

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