आज के हाईटैक जमाने में कंप्यूटर निजी, प्रोफैशनल व सोशल लाइफ का महत्त्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है. कार्यक्षमता बढ़ाने वाला अनेक सुविधाओं से युक्त कंप्यूटर का आप की सेहत पर बुरा असर न पड़े, इस के लिए किन बातों का रखें ध्यान, बता रहे हैं डा. महिपाल सचदेव.

कंप्यूटर पर काम करते समय सिरदर्द, फोकस की कमी, आंखों में जलन, सूखापन या थकान, कमजोर या धुंधली दृष्टि, गले व कंधे में दर्द होना आम बात है. इस के अलावा और भी कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं. चिकित्सा विज्ञान में इसे कंप्यूटर विजन सिंड्रोम यानी सीवीएस कहा जाता है. बच्चे भी इस समस्या से अछूते नहीं हैं. कंप्यूटर स्क्रीन के सामने घंटों बैठे रहने की वजह से बच्चे की आंखों में तनाव पैदा होता है क्योंकि कंप्यूटर बच्चे की दृष्टि प्रक्रिया को फोकस करने के लिए मजबूर करता है जिस से किसी और काम के मुकाबले आंखों में अधिक तनाव होता है.

ये भी पढ़ें- Varicose veins: वेरीकोस वेन्स यानी पैरों में सूजन और दर्द, जानें कारण और

कारण

  1. नजर:

जिन लोगों को दूर या पास की चीजों को साफसाफ देखने में परेशानी होती है या फिर जो एस्टीगमैटिज्म से पीडि़त हैं उन्हें सीवीएस का खतरा बहुत अधिक रहता है. मल्टीफोकल लैंस इसे और कठिन बना देता है क्योंकि स्क्रीन ऊंची होती है और दूर या नजदीक के लिए बने हुए क्षेत्रों से और दूर होती है.

  1. रोशनी :

आसपास जलते लैंप तथा बिजली की वजह से भी आंखों में खिंचाव या तनाव हो सकता है.

  1. कंप्यूटर टेबल का डिजाइन :

अधिकांश स्थितियों में कंप्यूटर का मौनिटर बहुत ऊंचाई पर रखा रहता है. जबकि स्क्रीन का ऊपरी सिरा आंखों के समानांतर होना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि देखने का आदर्श कोण आंखों के नीचे 10 से ले कर 20 डिगरी तक होता है. अगर स्क्रीन बहुत ऊंचाई पर है तो आप को आंखें झपकाने का अपेक्षाकृत कम अवसर मिलता है जिस से उन में सूखापन या जलन पैदा हो जाती है. इस वजह से सिर में दर्द, गरदन में दर्द तथा पीठ के ऊपरी भाग में दर्द होता है क्योंकि देखने के लिए सिर को पीछे की तरफ झुकाना पड़ता है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...