दिल से जुड़ी बीमारी दुनियाभर में मौत की सब से आम वजहों में से एक है. हार्ट फेल होना या हार्ट अटैक की चर्चा करते हुए लोग अकसर भरम में पड़ जाते हैं. हार्ट अटैक का मतलब होता है दिल की मांसपेशियों का बेहद कमजोर होना, जबकि हार्ट फेल होने का मतलब है कमजोर दिल. हार्ट अटैक तब होता है, जब दिल की मांसपेशियों के एक हिस्से को आक्सिजन से खून की सप्लाई में रुकावट हो जाती है. खून की सप्लाई अगर तुरंत फिर से बहाल नहीं होती है, तो दिल की मांसपेशियों का एक हिस्सा मरने होने लगता है.
हार्ट फेल होना एक लंबी चलने वाली और धीरेधीरे बढ़ने वाली हालत है, जिस में दिल की मांसपेशियां दिल के जरीए खून और आक्सिजन की शरीर की जरूरत के मुताबिक सही मात्रा में खून को पंप नहीं कर पाती हैं. कम शब्दों में कहें, तो दिल अपना काम सही तरीके से पूरा नहीं कर पाता है.
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वजह
हार्ट अटैक की सब से आम वजह खून का वह थक्का है, जो दिल की धमनियों में जमा हो जाता है. ये धमनियां दिल में खून और आक्सिजन की सप्लाई करने के लिए जिम्मेदार हैं. अगर ये धमनियां खून के थक्के या परत के चलते जाम हो जाएं, तो दिल को आक्सिजन नहीं मिल पाती है और वह काम करना बंद कर देता है.
हार्ट फेल होने की वजह हार्ट अटैक हो सकती है, पर ऐसा लंबे समय से चले आ रहे हाई ब्लडप्रैशर या हार्ट वौल्व बीमारी के चलते भी हो सकता है. अगर दिल धमनियों से खून को अहम अंगों तक असरदार ढंग से पंप नहीं कर पाएगा, तो ये अंग खराब हो जाएंगे. इस के अलावा फेफड़े में तरल इकट्ठा होने लगेगा. इस से सांस लेने में समस्या आएगी, जिस से टिशू टूटफूट जाते हैं.
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लक्षण
* हार्ट अटैक का सब से आम लक्षण सीने में हलके से ले कर गंभीर दर्द है, जो तकरीबन 20 मिनट तक रहता है. दूसरे लक्षणों में खांसी आना, सांस फूलना और पसीना आना शामिल है.
* हार्ट फेल होने के संकेत और लक्षण धीरेधीरे या अचानक भी हो सकते हैं और इस में भूख न लगना, रात में बारबार पेशाब आना, पैरों या टखने में सूजन और सांस फूलना शामिल है. रूटीन ईसीजी और ईकोकार्डियोग्राफी ऐसे टैस्ट हैं, जिन से हार्ट फेल होने की गंभीरता का पता चल सकता है.
उपचार
* रुकी हुई यानी बाधित धमनियों के इलाज के लिए एंजियोप्लास्टी एक असरदार उपचार है. खास किस्म के नई तकनीक के दवा छोड़ने वाले स्टैंट अब मुहैया हैं, जो मुश्किल और संकरी धमनी के जरीए प्रभावी ढंग से आगे बढ़ा सकते हैं. इस के अलावा अमेरिका के एफडीए से स्वीकृत दवा छोड़ने वाले स्टैंट भी हैं, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए बने हैं.
* आमतौर पर दिल की दवाएं हार्ट फेल होने के उपचार के लिए इस्तेमाल में लाई जाती हैं. ऐसे मरीज के डाक्टर उसे जिंदगी जीने के तरीके में बदलाव लाने की सिफारिश कर सकते हैं. जैसे बीड़ीसिगरेट छोड़ना, मरीज के सोडियम इनटैक (नमक कम खाना) को सीमित करना, वजन कम करना और मरीज के तनाव के लैवल को कम करना.
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* कार्डियक रीसिंक्रोनाइजेशन थैरैपी हार्ट फेल होने के उपचार का एक असरदार रूप है. इस में इंप्लांट करने लायक एक उपकरण का उपयोग किया जाता है. यह उन मरीजों के लिए होता है, जिन्हें दिल के इलैक्ट्रिकल कंडक्शन की समस्या होती है.
रीसिंक्रोनाइजेशन थैरैपी से दिल से पूरे शरीर में खून का प्रवाह बढ़ सकता है. इस से पूरे शरीर में बीमारी के लक्षण कम होते हैं, अस्पताल में कम रहना पड़ता है और मौत के होने का खतरा भी कम रहता है.
दिल को रखें सेहतमंद
* अपने भोजन में ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों और फलों को खाइए.
* अपने भोजन में संपूर्ण अनाज को खाइए, क्योंकि ये फाइबर और पोषक के अच्छे स्रोत हैं.
* वसा और कोलेस्ट्रौल सीमित कीजिए.
* कम फैट वाले प्रोटीन स्रोत चुनिए, जैसे दाल, सप्राउट, अंडे का सफेद वाला हिस्सा वगैरह.
* अपने भोजन में सोडियम (नमक) लेना कम कीजिए.
(लेखक साकेत सिटी अस्पताल, नई दिल्ली में कार्डियोलौजी विभाग के चेयरमैन हैं)